हमारी श्रद्धांजलि

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''मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा''
देश के महान शास्त्रीय गायक और भारत रत्न से सम्मानित पंडित भीमसेन जोशी का
सोमवार सुबह 8.05 बजे पुणे के एक अस्पातल में निधन हो गया।
फिर भी हर मोड़  पर, हर चाहतों की जुबां पर पंडितजी हमेशा हमारे दिल के कुचे में ज़िंदा  रहेंगे |
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राम प्रभु आधार जगत के
राम जीवन आधार
राम एक आदर्श हमारे
वंदन करुऊँ हज़ार हो
वंदन करुऊँ हज़ार
श्री राम श्री राम

दो अक्षर की अमोघ शक्ति
महामंतरा है मंगल नाम
श्री राम श्री राम
श्री राम जाई राम जाई जाई राम
राम प्रभु आधार

अजानुबाहु वीर धनुर्धार शामाल कांति शरीर सुंदर
सुर नर पालक असुरा संहारक
भक्त जनों के हैं विश्राम
श्री राम राम प्रभुऊ आधार
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गायक :पं. भीमसेन जोशी

SUNDAY....FUN DAY..!!!


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आना मेरी जान मेरी जान संडे के संडे

तुझे पेरिस दिखाउ,तुझे लंडन घुमाउ
तुझे ब्रॅंडी पीलाउ, विस्की पीलाउ
और मुर्गी खिलाउ

ओ डियर कम हियर डोंट फियर !!!

तू तेव्हा तशी, तू तेव्हा अशी

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तू तेव्हा तशी, तू तेव्हा अशी
तू बहराच्या, बाहूंची

तू ऐलराधा, तू पैल संध्या
चाफेकळी प्रेमाची

तू नवी जुनी, तू कधी कुणी
खारीच्या गं डोळयांची

तू हिरवी कच्ची, तू पोक्त सच्ची
तू खट्टी मिठ्ठी ओठांची
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गीतकार : आरती प्रभू
गायक : पं. हृदयनाथ मंगेशकर
संगीतकार : पं. हृदयनाथ मंगेशकर
चित्रपट : निवडुंग

वो दिल नवाज़ है

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वो दिल नवाज़ है नज़र शनाज़ नही
मेरा इलाज मेरे चरागर क पास नही

तारप रहे हैं ज़बान पर कई सवाल मगर
मेरे लिए कोई शयन-ए-इल्तमस नही

तेरे उजलों मैं भी दिल कांप कांप उठता है
मेरे मिज़ाज को असुदगी भी रस नही

कभी कभी जो तेरे क़ुर्ब मैं गुज़रे थे
अब उन दिनों का तसवउर भी मेरे पास नही

गुज़र रहे हैं अजब मरहलों से दीदा-ओ-दिल
सहर की आस तो है ज़िंदगी की आस नही

मुझे ये दर है क तेरी आरज़ू ना मिट जाए
बहुत दिनों से तबीयत मेरी उदास नही
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फनकार : मेहन्दी हसन

मरीज़ इश्क का क्या हैं

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मरीज़ इश्क़ का क्या है, जिया जिया ना जिया
है एक साण्स का झग्ड, लिया लिया ना लिया

बदन ही आज अगर तार-तार है मेरा
तो एक चाक गरीबाण सिया सिया ना सिया

ये और बात के तू हर रहे-ख़याल मेइण है
के तेरा नाम zअबाण से लिया लिया ना लिया

मेरे ही नाम पे आया है जाम महफ़िल मेइण
ये और बात के मैने पिया पिया ना पिया

ये हाले दिल है सफ़ी मैण तो सोचता ही नहीं
के क्यूण किसी ने सहारा दिया दिया ना दिया
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शायर : डॉ. शफी हसन
मौसिकार : हरिहरन
फनकार : हरिहरन

हमने काटी हैं तेरी याद में



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हमने काटी हैं तेरी याद में रातें अक्सर
दिल से गुज़री हैं सितारों की बारातें अक्सर

उन्न से पूछो कभी चेहरे भी पड़े हैं तुमने
जो किताबों की किया करते हैं बातें अक्सर

हमने उन्न टुंड हवाओं में जलाए हैं चीराघ
जिन हवाओं ने उलट दी हैं बिसातें अक्सर

और तो कौन है जो मुझ को तसल्ली देता
हाथ रख देती हैं दिल पर तेरी यादें अक्सर

हाल कहना है क़िस्सी से तो मुखातिब है कोई
कितनी दिलचस्प हुआ करती हैं बातें अक्सर
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फ़नकार : हरिहरन 

You Are Mine


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I See You Again