क्या मिलेगा ?

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क्या मिलेगा किसिको किसीसे
आदमी हैं जुदा आदमी से

हमने सीखा अंधेरोमे जीना
आप घबरा गाएँ रोशनिसे

दिल मिलाओं तो मिलता हैं दिल भी
दिल को निसबत नही दिलगिसे

क्या खुशी हैं कभी उनसे पूछो
गम मिलाहे जिन्हे हर खुशिसे

दूरतक गर्ग हैं आसमाँ पर
कौन गुज़रा हमारे गालिसे
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शायर : सरदार अंजुम
फनकार : तलत अज़ीज़
संगीत : जगजीत सिंग