जेव्हा तुला मी पाहिले

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जेव्हा तुला मी पाहिले, वळुनी पुन्हा मी पाहिले

काही न आता आठवे, होतो कधी का भेटलो
पटता खुणा या वाद का, होतो कधी का भेटलो ?
या सागराने का कधी होते नदीला पाहिले ?

जाणी तुझे नच नाव मी, प्रीती अनामिक जन्मता
वारा विचारी का फुला, हा गंध आहे कोणता ?
तू ऐस कोणी कामिनी, मी स्वामिनी तुज मानिले !

होऊन एकच चालणे, या दोन वाटा संपती
उंचावते तेथे धरा, आभाळ येई खालती
हरतात दोघेही जिथे, कोणी कुणाला जिंकिले ?
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गीत - वसंत निनावे
संगीत - बाळ बर्वे
स्वर - तलत महमूद

একলা চলো রে - चल अकेला रे - go ahead alone


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যদি তোর ডাক শুনে কেউ না আসে তবে একলা চলো রে ।
একলা চলো, একলা চলো, একলা চলো, একলা চলো রে ॥
যদি কেউ কথা না কয়, ওরে ওরে ও অভাগা,
যদি সবাই থাকে মুখ ফিরায়ে সবাই করে ভয়—
তবে পরান খুলে

ও তুই মুখ ফুটে তোর মনের কথা একলা বলো রে ॥
যদি সবাই ফিরে যায়, ওরে ওরে ও অভাগা,
যদি গহন পথে যাবার কালে কেউ ফিরে না চায়—
তবে পথের কাঁটা
ও তুই রক্তমাখা চরণতলে একলা দলো রে ॥
যদি আলো না ধরে ওরে ওরে ও অভাগা,
যদি ঝড়-বাদলে আঁধার রাতে দুয়ার দেয় ঘরে-
তবে বজ্রানলে
আপন বুকের পাঁজরা জ্বালিয়ে নিয়ে একলা জ্বলো রে
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here is the hindi translation:

तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे
फिर चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे
ओ तू चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे

तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे
फिर चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे

यदि कोई भी ना बोले ओरे ओ रे ओ अभागे कोई भी ना बोले
यदि सभी मुख मोड़ रहे सब डरा करे
तब डरे बिना ओ तू मुक्तकंठ अपनी बात बोल अकेला रे
ओ तू मुक्तकंठ अपनी बात बोल अकेला रे

तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे

यदि लौट सब चले ओरे ओ रे ओ अभागे लौट सब चले
यदि रात गहरी चलती कोई गौर ना करे
तब पथ के कांटे ओ तू लहू लोहित चरण तल चल अकेला रे

तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे

यदि दिया ना जले ओरे ओ रे ओ अभागे दिया ना जले
यदि बदरी आंधी रात में द्वार बंद सब करे
तब वज्र शिखा से तू ह्रदय पंजर जला और जल अकेला रे
ओ तू हृदय पंजर चला और जल अकेला रे

तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे
फिर चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे
ओ तू चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे
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If they answer not to thy call walk alone.
If they are afraid and cower mutely facing the wall,
O thou unlucky one,
open thy mind and speak out alone.
If they turn away, and desert you when crossing the wilderness,
O thou unlucky one,
trample the thorns under thy tread,
and along the blood-lined track travel अलोन.
If they do not hold up the light when the night is troubled with storm,
O thou unlucky one,
with the thunder flame of pain ignite thy own heart
and let it burn alone.

First (mentioned above bangali) is a one amongst many poetry treasure of Robindranath Thakur (Tagore) followed below is the translation in prose of the Bengali original rendered by Rabindranath Tagore himself.
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स्वर : किशोर कुमार