Kaushiki Chakrabarty - Mishra Charukeshi Thumri

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Childhood Memories in a Different Stroke

Childhood Memories

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लहानपण देगा देवा । मुंगी साखरेचा रवा ॥१॥
ऐरावत रत्न थोर । त्यासी अंकुशाचा मार ॥२॥
जया अंगी मोठेपण । तया यातना कठीण ॥३॥
तुका म्हणे बरवे जाण । व्हावे लहानाहून लहान ॥४॥
महापूरे झाडे जाती । तेथे लव्हाळ वाचती ॥५॥

to every U

.... from ME !!!

मी माझा

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श्री. चंद्रशेखर गोखले यांच्या "मी माझा" यातील निवडक कविता.

थक्क गया हूँ सोने दो

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हो बहुत रात हुई..
थक गया हूं, मुझे सोने दो
हो बहुत रात हुई

चांद से कह दो उतर जाये
बहुत बात हुई -२

थक गया हूं....रात हुई

आशियां के लिये चार तिनके भी थे
आसरे रात के और दिन के भी थे
ढूंढते थे जिसे, वो ज़रा सी ज़मीं
आसमां के तले खो गयी है कहीं
धूप से कह दो उतर जाये, बहुत बात हुई

मैं थक....रात हुई

[ओ मलैय्या, चलो धीरे धीरे (पंचम की आवाज़ में)]


याद आता नहीं अब कोई नाम से
सब घरों के दिये बुझ गये शाम से
वक़्त से कह दो गुज़र जाये, बहुत बात हुई

मैं थक....रात हुई

ज़िन्दगी के सभी रास्ते सर्द हैं
अजनबी रात के अजनबी दर्द हैं

याद से कह दो गुज़र जाये, बहुत बात हुई

मैं थक गया हूं, मुझे सोने दो, बहुत रात हुई

[ओ मलैय्या, चलो धीरे धीरे]
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गीत : थक गया हूं, बहुत रात हुई
फ़िल्म : मुसफ़िर (१९८४)
संगीतकार : आर.डी. बर्मन
गीतकार : गुलज़ार
गायक : किशोर कुमार, आर.डी. बर्मन

A Rare Combination !!!

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... sung by one legend and composed by a singer who is other legend !!!