तुम देना साथ मेरा

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जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पद जाए
तुम देना साथ मेरा ओ हुमनवाज़
जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पद जाए
तुम देना साथ मेरा ओ हुमनवाज़

ना कोई है ना कोई था ज़िंदगे में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा ओ हुमनवाज़
तुम देना साथ मेरा ओ हुमनवाज़

हो चाँदनी जब तक रात देता है हर कोई साथ
तुम मगर अंधेरोन में ना छ्चोड़ना मेरा हाथ
हो चाँदनी जब तक रात देता है हर कोई साथ
तुम मगर अंधेरोन में ना छ्चोड़ना मेरा हाथ

जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पद जाए
तुम देना साथ मेरा ओ हुमनवाज़
ना कोई है ना कोई था ज़िंदगे में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा ओ हुमनवाज़

वफ़ादारी की वो रस्में निभाएँगे हम तुम कस्में
एक भी साँस ज़िंदगी की जब तक हो अपने बस में
वफ़ादारी की वो रस्में निभाएँगे हम तुम कस्में
एक भी साँस ज़िंदगी की जब तक हो अपने बस में

जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पद जाए
तुम देना साथ मेरा ओ हुमनवाज़
ना कोई है ना कोई था ज़िंदगे में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा ओ हुमनवाज़

दिल को मेरे हुआ यकीन हम पहले भी मिले कहीं
सिलसिला ये सदियों का कोई आज की बात नहीं
दिल को मेरे हुआ यकीन हम पहले भी मिले कहीं
सिलसिला ये सदियों का कोई आज की बात नहीं

जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पद जाए
तुम देना साथ मेरा ओ हुमनवाज़
जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पद जाए
तुम देना साथ मेरा ओ हुमनवाज़
ना कोई है ना कोई था ज़िंदगे में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा ओ हुमनवाज़
तुम देना साथ मेरा ओ हुमनवाज़

भय इथले संपत नाही


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भय इथले संपत नाही मज तुझी आठवण येते
मी संध्याकाळी गातो तू मला शिकविली गीते

ते झरे चंद्र सजणाचे ती धरती भगवी माया
झाडाशी निजलो आपण झाडात पुन्हा उगवाया

तो बोल मंद हळवासा आयुष्य़ स्पर्शूनी गेला
सीतेच्य वनवसातील जणू अंगी राघव शेला

स्तोत्रात इंद्रिये अवघी गुणगुणती दुःख कुणाचे
हे सरता संपत नाही चांदणे तुझ्या स्मरणाचे
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गीत: ग्रेस
गायिका: लता मंगेशकर
संगीत: पंडित हृदयनाथ मंगेशकर