ये सोचकर तुम्हे मिलना...

_________________
फनकार : हरीहरण

अशी पाखरे येती

_____________________
अशी पाखरे येती आणिक स्मृती ठेवूनी जाती
दोन दिसांची रंगतसंगत, दोन दिसांची नाती

चंद्र कोवळा पहिला वहिला, झाडामागे उभा राहिला
जरा लाजूनी जाय उजळूनी, काळोखाच्या राती

फुलून येता फुल बोलले, मी मरणावर हृदय तोलले
नव्हते नंतर परि निरंतर गंधित झाली माती

हात एक तो हळू थरथरला, पाठीवर मायेने फिरला
देवघरातील समयीमधूनी, अजून जळती वाती

कुठे कुणाच्या घडल्या भेटी, गीत एक मोहरले ओठी
त्या जुळल्या हृदयांची गाथा, सूर अजुनही गाती
______________

गीतकार : मंगेश पाडगांवकर
गायक : सुधीर फडके
संगीतकार : यशवंत देव

भ्रमर चित्त


________________

भ्रमर चित्त हे पुन्हा विचारी
कसली नाती गोती
कितीक धरेवर आले आणिक
कितीक येथुनी जाती
भ्रमर चित्त हे तुम्हा विचारी !! धृ !!

म्हणते माता पुत्र जीवाचा
तोच बंधू रे प्रिय भगिनीचा
कधी जेव्हाला मिळे सखीचा
मरणा नंतर करतील टाहो
एकट्यास का देतील
भ्रमर चित्त हे पुन्हा विचारी
कसली नाती गोती !! १ !!

चिता धडाडे चार दिशांनी
जमती सगळे जल नयनांनी
आत सांग पण येतील कोणी
पाहत बसती केवळ दुरुनी
कोण संगती जळती
भ्रमर चित्त हे पुन्हा विचारी
कसली नाती गोती !! २ !!

जर सोन्याहून काया सुंदर
कसे लाभले हे ज्वालाघर
चीर विरहाची वाट निरंतर
कबीर सांगतो खुल्या जगाची
नको आस ही भलती
भ्रमर चित्त हे पुन्हा विचारी
कसली नाती गोती !! २ !!


कितीक धरेवर आले आणिक
कितीक येथुनी जाती
भ्रमर चित्त हे पुन्हा विचारी
कसली नाती गोती कसली नाती गोती
कसली नाती गोती ........!! ३ !!

_________________

ती गेली तेव्हा...

___________________
ती गेली तेव्हा रिमझिं, पाउस निनादत होता
मेघात अडकली किरणे, हा सूर्य सोडवीत होता

ती आई होती म्हणूनी, घनव्याकूळ मी ही रडलो
त्यावेळी वारा सावध, पाचोळा उडवीत होता

अंगणात गमले मजला, संपले बालपण माझे
खिडकीवर धुरकट तेव्हा, कंदील एकटा होता
_____________

चित्रपट : निवडुंग
गीत : ग्रेस
संगीत : प. हृदयनाथ मंगेशकर
स्वर : प. हृदयनाथ मंगेशकर

प्यार बाँटते चलो

________________
हो प्यार बाँटते चलो
हे प्यार बाँटते चलो
क्या हिंदू, क्या मुसलमान, हम सब हैं भाई भाई
प्यार बाँटते चलो
हे, प्यार बाँटते चलो

प्यार है जिंदगी की निशानी, यह बुज़ुर्गो कॅया कहना है यारो
एक ही साज के तार हैं सब, हमको मिल जुल के रहना है यारो
हे सोचो कल क्या थे, देखो एब्ब क्या हो
तुमको ले ना डूबे कही अपनी यह लड़ाई
प्यार बाँटते चलो
हे प्यार बाँटते चलो

राम यह है तो रहमान तुम हो, यह है कार्टर तो जॉन तुम हो
नाम कुच्छ हो मगर यह ना भूलो, सब से पहले तो इंसान तुम हो
हे नन्हे शहज़ादो, कल के नैताओ
तुम से हमने क्या क्या उम्मीदे हैं लगाई
प्यार बाँटते चलो
हे प्यार बाँटते चलो

यह अजंता है वो ताज देखो, हर जगह प्यार की है कहानी
प्यार सदियो से एब्ब तक अमर है, और हर चीज़ है आनी जानी
हे, जब तक यह दूनीया है, तब तक यह जिंदा है
सब ने सर झुकाया जब इनकी याद आई
प्यार बाँटते चलो
हे प्यार बाँटते चलो
क्या हिंदू, क्या मुसलमान, हम सब हैं भाई भाई
प्यार बाँटते चलो
हे प्यार बाँटते चलो
_______________

चित्रपट : हम सब उस्ताद हैं
गीतकार : असद भोपाली
संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
स्वर : किशोर कुमार

Madh Kalyan - Ustaad Salaamat Ali Khan

"नौकर नही हूं मैं"

________________
दायाँ पड़ा हुआ तेरे दर पर नहीं हूँ मैं
खाक ऐसी ज़िंदगी पे के पट्थत नही हूँ मैं

यारब ! ज़माना मुझ को मिताता है किस लिए
लौह-ए-जहाँ पे हरफ़-ए-मुक़र्रर नही हूँ मैं

क्यूँ गर्दिश-ए-मुदाम से घबरा ना जाए दिल
इंसान हूँ, प्याला-ओ-सागर नही हूँ मैं

हद चाहिए सज़ा में उक़ूबत के वास्ते
आख्हिर गुनाहगार हूँ काफ़िर नही हूँ मैं
_________________________

फ़नकार : हरिहरन
فنکار : جگجت سنگ
शायर : मिर्ज़ा गालिब
شایر : مرزا گالب

एक ठुमरी उस पार...

बेवफा तो नहीं

_________________
आप को भूल जाएँ हम इतनि तो बेवफा नहीं
آپ کو بھول جائیں ھماتن تو بیوپھا نہین
आपसे क्या गीला करें आपेसे कोई गीला नहीं
آپسےکیا گیلا کریںآپیسےکوئی گیلا نہین

सिशा-ए-दिल को तोड़ना उनका तो एक खेल है
سشا - ئی - دل کو توڑنا اُنکا تو ایک کھیل ہے
हुंसे ही भूल हो गयी उनको कोई ख़ाता नहीं
ہنسےھی بھول ھو مندرجہ ذیل اُنکو کوئی خاتا نہین

काश वो अपने घाम मुझे दे दें तो कुछ सुकून मिले
کاش وہ اپنے گھام مجھےدے دیں تو کچھ سکون ملی
वो कितना बाद-नसीब हैं गम ही जिसे मिला नहीं
وہ کتنا بعد - نسیب ہیں گم ھی جسےملا نہین

जुर्म है गर वफ़ा तो क्या, क्यूँ कर वफ़ा को छोड़ डून
جرم ہے گر وفا تو کیا , کیوںکر وفا کو چھوڑ ڈون
कहते हैं इस गुनाह की होती कोई सज़ा नहीं
کہتےہیں اس گناہ کی ھوتی کوئی سزا نہیں

_____________

फ़नकार : चित्रा सिंग
فنکار : چترا سنگ
संगीत : जगजीत सिंग
سنگیت : جگجیت سنگ

टप्पा खमाज

सदमा

___________________
सदमा है मुझे भी के तुझसे जुदा हूँ मैं,
लेकिन ये सोंचता हूँ के अब तेरा क्या हूँ मैं

बिखरा पड़ा है तेरे ही घर में तेरा वजूद,
बेकार महफिलों में तुझे ढूँढता हूँ मैं

ना जाने किस अदा से लिया तूने मेरा नाम,
दुनिया समझ रही है के सब कुछ तेरा हूँ मैं

ले मेरे तजुर्बों से सबक आय मेरे रकीब,
दो चार साल उम्र में तुझसे बड़ा हूँ मैं
__________________

Sadma Hai Mujhe Bhi Ke Tujhse Juda Hoon Main,
Lekin Ye Sonchtaa Hoon Ke Ab Tera Kyaa Hoon Main

Bikhraa Pada Hai Tere Hi Ghar Mein Tera Wajood,
Bekaar Mehfilon Mein Tujhe Dhoondtaa Hoon Main

Naa Jaane Kis Adaa Se Liya Toone Mera Naam,
Duniya Samajh Rahee Hai Ke Sab Kuch Tera Hoon Main

Le Mere Tajurbon Se Sabak Ae Mere Raqeeb,
Do Chaar Saal Umr Mein Tujhse Bada Hoon Main 
________________

तुम तो सो जाओ

__________________
परेशां रात सारी हैं सितारों तुम तो सो जाओ,
پریشاںرات ساری ہیں ستاروںتم تو سو جاؤ ,
सुकूत-इ-मार्ग तारी है सितरों तुम तो सो जाओ
سکوت -ا - راستہ تاری ہے ستروںتم تو سو جااو

हमें तो आज की शब् पोह फटे तक जागना होगा,
ہمیں تو آج کی شب پوہ پھٹےتک جاگنا ھوگا ,
यही किस्मत हमारी है सितारों तुम तो सो जाओ
یہی کسمت ھماری ہے ستاروںتم تو سو جااو

हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जायेंगे,
ہمیں بھی نیند آ جائیگی ھم بھی سو ھی جایہنگے ,
अभी कुछ बेकरारी है सितारों तुम तो सो जाओ
اَبھی کچھ بیکراری ہے ستاروںتم تو سو جااو
__________________

फ़िल्म : इश्क-इ-लैला
فلم :اشک -ا - لیلا
स्वर/संगीत : जगजीत सिंह
سور/سنگیت : جگجیت سنہ
__________________

Pareshaan Raat Saari Hain Sitaron Tum To So Jaao,
Sukut-e-marg Taari Hai Sitron Tum To So Jaao

Hame To Aaj Ki Shab Poh Fate Tak Jaagna Hoga,
Yahi Kismat Hamari Hai Sitaron Tum To So Jaao

Hame Bhi Neend Aa Jayegi Hum Bhi So Hi Jayenge,
Abhi Kuchh Bekarari Hai Sitaron Tum To So Jaao
__________________

Movie :
Ishq-e-Laila
Music Composition & Singer :
Jagjit Singh

गारवा

________________

पसायदान

_________________

ātā viśvātmakeṁ deveṁ | yeṇe vāgyajñeṁ toṣāveṁ |
toṣoniṁ maja jñāve | pasāyadāna heṁ ||

jeṁ khaḻāṁcī vyaṁkaṭī sāṁḍo | tayā satkarmī- ratī vāḍho |
bhūtāṁ paraspare paḍo | maitra jīvāceṁ ||

duritāṁce timira jāvo | viśva svadharma sūryeṁ pāho |
jo je vāṁcchila to teṁ lāho | prāṇijāta ||

varṣata sakaḻa maṁgaḻī | īśvaraniṣṭhāṁcī māṁdiyāḻī |
anavarata bhūmaṁḍaḻī | bheṭatu bhūtāṁ ||

calāṁ kalpatarūṁce ārava | cetanā ciṁtāmaṇīṁceṁ gāva |
bolate je arṇava | pīyūṣāce ||

caṁdrme je alāṁchna | mārtaṁḍa je tāpahīna |
te sarvāṁhī sadā sajjana | soyare hotu ||

kiṁbahunā sarva sukhī | pūrṇa hoūni tinhīṁ lokī |
bhajijo ādipurukhī | akhaṁḍita ||

āṇi graṁthopajīviye | viśeṣīṁ lokīṁ iyeṁ |
dṛṣṭādṛṣṭa vijayeṁ | hoāve jī |

yetha mhaṇe śrī viśveśarāo | hā hoīla dāna pasāvo |
yeṇeṁ vareṁ jñānadevo | sukhiyā jālā ||

तुम्ही संत माय-बाप

____________

याच साथी केला अठहास

________________

जो भजे हरी को सदा...

___________

मैं ने तुमसे कुछ नही मांगा

____________

मैने तुम से कूछ नहीं मांगा...
आज दे दो आज दे दो
सौ बरस से जगह इन नैनो को
नींद का वरदान दे दो.. दे दो
मैने तुम से कूछ नहीं मांगा..

घेरती खुशबुये फिर वही आहटे
बार बार चौकना फिर वही करवते
वोही बाहो के घेरो मे बंधना
वोही नजरोन के साये मे तपना
कब तलक डोर खिचेगी मुझ को
छोड दो मेरा अभिमान दे दो
मैने तुम से कुच्छ नही मांगा

इन अन्धरो से झुजुंगा कैसे
इस तऱ्हा रोशनी इतनी मैन झेलू
यादो को भीड टकरा रही युन
हात बांधे हुवे चूर हो दून
झटपटाते हृदय को दया कर
सांस ले निकाम अधिकार दे दो

मैने तुम से कुच्छ नाहीं मांगा
आज दे दो ..आज दे दो
सौ बरस से जगह इन नैनो को
नींद का वरदान दे दो.. दे दो
मैने तुम से कूछ नहीं मांगा..
______________
चित्रपट : कथा
चित्रनिर्देशिका : सई परांजपे
स्वर : किशोरे कुमार


तुमने दिल की बात कह दी

____________________
तुमने दिल की बात कह दी आज यह अच्छा हुआ
हम तुम्हे अपना समझते थे, बड़ा धोका हुवा

जब भी हुँ कुछ कहा उसका असर उलटा हुवा
आप शायद भूलते है, बार हा ऐसा हुवा

आपकी आँखों में यह आंसू कहाँ से आ गये
हम तो दीवाने है लेकिन आपको ये क्या हुवा

अब किसी से क्या कहें ‘इक़बाल’ अपनी दास्ताण
बस खुदा का शुख्र है जो भी हुवा अच्छा हुवा
_________________

शायर : इक़बाल अज़ीम
मौसीकार : जगजीत सिंग
फनकार : जगजीत सिंग

मालवून टाक दीप

__________________
मालवून टाक दीप, चेतवून अंग अंग
राजसा किती दिसात, लाभला निवांत संग

त्या तिथे फुलाफुलात, पेंगते अजून रात
हाय तू करु नकोस, एवढयात स्वप्न भंग

दूर दूर तारकांत, बैसली पहाट न्हात
सावकाश घे टिपून एक एक रुपरंग

गार गार या हवेत घेऊनी मला कवेत
मोकळे करुन टाक एकवार अंतरंग

ते तुला कसे कळेल, कोण एकटे जळेल
सांग का कधी खरेच, एकटा जळे पतंग

काय हा तुझाच श्वास, दरवळे इथे सुवास
बोल रे हळू उठेल, चांदण्यावरी तरंग
______________

गीतकार :सुरेश भट
गायक :लता मंगेशकर
संगीतकार :पं. हृदयनाथ मंगेशकर

Walk through this world with me...


~~~~~~~~

Walk Through This World With Me
Go Where I Go
Share All My Dreams With Me
I Need You So...

In Light We Search
And Some Others Find
I Lived For You My Love
For Long Long Time
And Now Where I Found You
Live For As Since As I See
Come Take My Hand
And Walk Through This World With Me

Walk Through This World With Me
Go Where I Go
Share All My Dreams With Me
I Need You So...
And Now That I Found You......
Live For As Since As I See
Come Take My Hand
And Walk Through This World With Me

Come Take My Hand
And Walk Through This World With Me


अपनी तस्वीर

__________________
अपनी तस्वीर को आँखों से लगता क्या है,
اَپنی تصویر کو آنکھوںسےلگتا کیا ہے
एक नज़र मेरी तरफ देख तेरा जाता क्या है,
ئیک نظر میری طرف دیکھ تیرا جاتا کیا ہے

मेरी रुसवाई में तू भी है बराबर का शारीक़,
میری رسوائی میں تو بھی ہے برابر کا شاریک
मेरे किससे मेरे यारों को सुनता क्या है,
میرےکسسےمیرےیاروںکو سنتا کیا ہے

पास रहकर भी ना पहचान सके तू मुझको,
پاس رہکر بھی نا پہچان سکےتو مجھکو
डोर रह कर अब हाथ मिलता क्या है,
ڈور رہ کر اب ھاتھ ملتا کیا ہے

उम्र भर अपने गिरेबान्न से उलझनेवाले,
اُمر بھر اپنے گریبانن سےاُلجھنیوالی
तू मुझे मेरे साए से दरता क्या है,
تو مجھےمیرےسائی سےدرتا کیا ہے

मैं तेरा कुछ भी नहीं हून मगर इतना तो बता,
میںتیرا کچھ بھی نہیںھون مگراتنا تو بتا
देख कर मुझको तेरे ज़हेन में आता क्या है
دکھ کر مجھکو تیرےجہین میں آتا کیا ہے
______________

मौसीकार : गुलाम अली
مؤسیکار : گلام اَلی
फनकार : गुलाम अली
پھنکار : گلام اَلی

मी ओळखून आहे

_____________________
लाजून हासणे अन हासून ते पहाणे
मी ओळखून आहे, सारे तुझे बहाणे

डोळ्यास पापण्यांचा का सांग भार व्हावा ?
मिटताच पापण्या अन का चंद्र हि दिसावा ?
हे प्रश्न जीवघेणे हरती जिथे शहाणे

हाती धनुष्य ज्यांच्या, त्याला कसे कळावे
हृदयात बाण ज्याच्या, त्यालाच दु:ख ठावे
तिरपा कटाक्ष भोळा, आम्ही इथें दिवाणे

जाता समोरुनी तू, उगवे टपोर तारा
देशातूनी फुलांच्या आणि सुगंध वारा
रात्रीस चांदण्यांचे, सुचते सुरेल गाणे
_____________

गीत : मंगेश पाडगांवकर
संगीत : श्रीनिवास खळे
स्वर : पंडित हृदयनाथ मंगेशकर

रंजिश ही सही

_________________
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
رنجش ھی صیح دل ھی دکھانےکےلئے آ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
آ پھر سےمجھےچھوڑ کےجانےکےلئے آ


पहले से मरासिम न सही फिर भी कभी तो
پہلےسےمراسم نہ صیح پھر بھی کبھی تو
रस्मो रहे दुनिया ही निभाने के लिए आ
رسمو رہےدنیا ھی نبھانےکےلئے آ


किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
کس کس کو بتائیںگےجدائی کا سبب ھم
तू मुझसे खफा है तो ज़माने के लिए आ
تو مجھسےکھپھا ہے تو زمانےکےلئے آ


कुछ तो मेरे पिन्दार-ए-मोहब्बत का भरम रख
کچھ تو میرےپندار - ئی - موہببت کا بھرم رکھ
तू भी तो कभी मुझको मनाने के लिए आ
تو بھی تو کبھی مجھکو منانےکےلئے آ


इक उम्र से हूँ लज्ज़त-ए-गिरिया से भी महरूम
ئک عمر سےھوںلججت - ئی - گریا سےبھی مہروم
ए राहत-इ-जान मुझको रुलाने के लिए आ
ئی راہت -ا - جان مجھکو رلانےکےلئے آ
________________


शायर : एहमद फ़राज़
شایر : ئیہمد فراج
मौसीकार : मेहदी हस्सन
مؤسیکار : میہدی ھسسن
फनकार : मेहदी हस्सन
پھنکار : میہدی ھسسن

त्या फुलांच्या गंधकोषी

________________
त्या फुलांच्या गंधकोषी, सांग तू आहेस का ?
त्या प्रकाशी तारकांच्या, ओतिसी तू तेज का ?
त्या नभांच्या नीलरंगी होऊनी आहेस का ?
गात वायुच्या स्वरांनी, सांग तू आहेस का ?

मानवाच्या अंतराचा प्राण तू आहेस का ?
वादळाच्या सागराचे घोर ते तू रूप का ?
जीवनी या वर्षणारा तू कृपेचा मेघ का ?
आसमंती नाचणारी, तू विजेची रेघ का ?

जीवनी संजीवनी तू, माऊलीचे दूध का ?
कष्टणार्या बांधवांच्या रंगसी नेत्रात का ?
मूर्त तू मानव्य का रे, बालकांचे हास्य का ?
या इथें अन त्या तिथे रे, साग तू आहेस का ?
___________

गीत : सूर्यकांत खांडेकर
स्वर / संगीत : पंडित ह्रिदयनाथ मंगेशकर

काश ऐसा कोई मंजर होता

_________________________


काश ऐसा कोई मंजर होता
मेरे कांधे पे तेरा सर होता...||धृ||

जमा करता जो मैन आए हुए संग
सर छुपाने के लिए घर होता
मेरे कांधे पे तेरा सर होता
काश ऐसा कोई मंजर होता... ||१||

इस पलंगदी पे बहुत तन्हा हुं
काश मै सब के बराबर होता
मेरे कांधे पे तेरा सर होता
काश ऐसा कोई मंजर होता.... ||२||

उसने उलझा दिया दुनिया मे मुझे
वर्ना एक और कलंदर होता
मेरे कांधे पे तेरा सर होता
काश ऐसा कोई मंजर होता.... ||३||
____________

शायर : ताहिर फ़राज़
मौसिकार : हरिहरन
फनकार : हरिहरन

मैं आवारा...

___________________
आज भी हैं मेरे कदमोन के निशान आवारा
तेरी गालीयोन मे भटकते थे जहां आवारा
आवारा.... आवारा ....आवारा ....आवारा ....

तुझ से क्या बीछडे तो
ये हो गई अपनी हालत
जैसे हो जाए मे हवओन मे धुवां आवरा
तेरी गालीयोन मे भटके थे जहान आवारा
आज भी हैं मेरे कदमोन के निशान आवारा !! १ C

मेरे शेरोन की थी पहचान उसी के दम से
ऊसको खोकर हुवे बेनामो निशान आवरा
तेरी गालीयोन मी भटकते थे जहान
तेरी गालीयोन मे भटके थे जहान आवारा
आज भी हैं मेरे कदमोन के निशान आवारा !! २ !!

जिसको भी चाहा उसे टुटके चाहा राशीद
कम मिलेंगे तुम्हे हम जैसे यहाँ आवारा
तेरी गालीयोन मी भटकते थे जहान
तेरी गालीयोन मे भटके थे जहान आवारा
आज भी हैं मेरे कदमोन के निशान आवारा !! ३ !!
________________

मौसिकार : हरिहरन
फनकार : हरिहरन

धुंद मंद ही अशीच

__________________

धुंद मंद ही अशीच सांज उतरली
गगनातुनी येता सख्या
तुझीया प्रीतीची मधुर फुले ही !! धृ !!

रजनी चे ही मधुर गीत
सूर उमलली
गगनी नील हरित वेल कुंज बहरली
हृदयातूनी फुलती किती
हळव्या प्रीतीची मृदुल दले ही !! १ !!

चांदण्यात तरल तेज
स्वप्न वीखुरले
पान पान पवन मंद गंध परिमळे
तुझीया सवे सख्या असे
मजला नवतीचे सुख हे मिळे ही
धुंद मंद ही अशीच सांज उतरली !! २ !!
 ______________________

गीत : शांताराम नंदगावकर
संगीत : अनिल - अरुण
स्वर : पद्मजा फेणाणी

क्षितिजी आले भरते ग

___________
गडद निळे गडद निळे जलद भरुनी आले
शितलतनु चपलचरण अनिलगण निघाले

क्षितिजी आले भरते ग
घनात कुंकुम खिरते ग

झाले अंबर
झुलले झुंबर
हवेत अत्तर तरते ग

लाजण झाली धरती ग
साजण काठावरती ग
ऊन्हात पान
मनात गान
ओलावुनी थरथरते ग

नाते अपुले न्हाते ग
होऊनी ॠतुरस गाते ग
तृणात मोती
जळात ज्योती
लावित आले परते ग

सरिवर सारी आल्या ग
सचैल गोपी न्हाल्या ग
_____________

गीत : बाकीबाब बोरकर
संगीत : श्रीधर फडके
स्वर : पद्मजा फेणाणी-जोगळेकर

हम तेरे शेहेर में...

________________

हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तऱ्ह
सिर्फ एक बार मुलाकात का मौका दे दे !!धृ !!

मेरी मंजील हैं कहाण मेरा ठीन्काना हैं कहां
सुबह तक तुझसे बिछडकर मुझे जाना हैं कहां
सोचने के लिए एक रात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तऱ्ह !! १ !!

अपनी आंखो मे छुपकार रक्खे हैं जुगनू मैने
अपनी पलको पे सजा रक्खे हैं आंसू मैने
मेरी आंखो को बरसात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तऱ्ह !! २ !!

आज की रात मेरा दर्द मुहब्बत सून ले
कपकापते हुये होथोन की शिकायत सुन ले
आज इजहार-ए-खायालात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तऱ्ह !! ३ !!

भुलना था तो ये इकरार किया ही क्यून था
बेवफा तुने मुझे प्यार किया ही क्यून था
सिर्फ दो चार सावालात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तऱ्ह
सिर्फ एक बार मुलाकात का मौका दे दे !! ४ !!

***

फनकार : गुलाम अली

लोग कहते हैं

 ______________________
लोग कहते हैं अजनबी तुम हो
अजनबी मेरी ज़िंदगी तुम हो

दिल किसी और का न हो पाया
आरज़ू मेरी आज भी तुम हो

मुझको अपना शरीक-ए-ग़म कर लो
यूँ अकेले बहुत दुखी तुम हो

दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें
किस ज़माने के आदमी तुम हो
_____________

शायर : बशीर बद्र
मौसीकार : हरीहरन
फ़नकारां : आशा भोसले

क्या मिलेगा ?

___________
क्या मिलेगा किसिको किसीसे
आदमी हैं जुदा आदमी से

हमने सीखा अंधेरोमे जीना
आप घबरा गाएँ रोशनिसे

दिल मिलाओं तो मिलता हैं दिल भी
दिल को निसबत नही दिलगिसे

क्या खुशी हैं कभी उनसे पूछो
गम मिलाहे जिन्हे हर खुशिसे

दूरतक गर्ग हैं आसमाँ पर
कौन गुज़रा हमारे गालिसे
___________________

शायर : सरदार अंजुम
फनकार : तलत अज़ीज़
संगीत : जगजीत सिंग

सर-ए-राह जुछ भी कहा नहीं

________________
सर-ए-राह जुछ भी कहा नहीं, कभी उसके घर में गया नहीं
سر - ئی - راہ جچھ بھی کہا نہیں , کبھی اُسکےگھر میں گیا نہین
मैं जनम जनमसे उसीका हूँ, उसे आज तक ये पता नहीं |
میںجنم جنمسےاُسیکا ھوں , اُسےآج تک یہ پتہ نہیں|


ये खुदा की देन अजीब हैं के उसी का नाम नसीब हैं,
یہ کھدا کی دین عجیب ہیں کےاُسی کا نام نسیب ہیں ,
जिसे तुने चाहा वो मिलगया जिसे मैंने चाहा मिला नहीं |
جسےتنےچاہا وہ ملگیا جسےمیںنے چاہا ملا نہیں|


उसे पाके नज़रों से चूमना की इबादतों में शुमार हैं,
اُسےپاکےنزروںسےچومنا کیابعدتوںمیں شمار ہیں ,
कोई फूल लाख करीब हो कभी मैंने उसको छुवा नहीं |
کوئی پھول لاکھ قریب ھو کبھی میںنے اُسکو چھوا نہیں|


इसी शेहेर में कई सालसे मेरे कुछ करीबी अज़ीज़ हैं,
اسی شیہیر میں کئی سالسےمیرےکچھ کریبی اَزیز ہیں ,
उन्नेह मेरी कोई खबर नहीं, मुझे उनका कोई पता नहीं |
اُننیہ میری کوئی خبر نہیں , مجھےاُنکا کوئی پتہ نہیں|
____________

शायर : बशीर बद्र
شایر : بشیر بدر
फनकार : तलत अज़ीज़
پھنکار : تلت اَجیج
संगीत : तलत अज़ीज़
سنگیت : تلت اَجیج

अब क्या ग़ज़ल सुनाऊं

__________

कैसे सुकून पाऊँ, तुझे देखने के बाद,
अब क्या ग़ज़ल सुनाऊं, तुझे देखने के बाद

आवाज़ दे रही है मेरी ज़िंदगी मुझे,
जाऊं मैं या ना जाऊं, तुझे देखने के बाद

क़ाबे का ऐहेतराम भी मेरी नज़र में हैं,
सर किस तरफ जुकाऊं, तुझे देखने के बाद

तेरी निगाह-ए-मस्त ने मखनूर कर दिया,
क्या मैकड़े को जाऊं, तुझे देखने के बाद

नज़रों मे ताब-ए-दीद ही बाकी नही रही,
किस से नज़र मिलऊं, तुझे देखने के बाद
______________

शायर : सईद शहीदी
फनकार : तलत अज़ीज़
संगीतकार : जगजीत सिंह

इतना तो हुवा ऎ दिल

_____________

 शायर : सईद राही
फनकार : तलत अज़ीज़
संगीतकार : जगजीत सिंह

चाहेंगें तुझे पर...

___________

चाहेंगे तुझे पर कभी रुसवा ना करेंगे
सायें से भी अपने तेरा शिकवा न करेंगे

पूछेंगे हवओंसे घटाओंसे तेरा हाल
मिलने को तेरे वास्ते आया ना करेंगे

तु मिल भी गया राह में भूले से जो मुझ को
मीलने का दुबारा कभी वादा ना करेंगे

जिस नाम की ताजीम किया करते हैं परदे
उस नाम को दिवार पे लिक्का ना करेंगे
______________

फनकार : तलत अज़ीज़
संगीतकार : जगजीत सिंह

अपने दिल की बात

____________________

चाँद निकला था, मगर रात न थी पहेले से
ये मुलाक़ात, मुलाक़ात न थी पहेले से
रंज कुच्छ कम तो हुआ आज तेरे मिलने से,
ये अलग बात के वो बात न थी पहली से

मेरे तो एक बात का इतना गिला हुआ
कुच्छ आप को भी याद है अपना कहा हुआ...

तेरे गले के हार से आए वफा की बू
फूलों में कोई दिल तो नही है बुंधा हुआ...

ऐचारा साज़ ये तो बता किसका क्या इलाज़
आंसू थमे तो दर्द जिगर में सिवा हुआ...

मधुफल में अपनी आंकसे आई सदा मुझे
मैं नक्ष-ऐ-पाईयार हूँ लेकिन मिटा हवा...
____________________

फनकार : तलत अज़ीज़
संगीतकार :  जगजित सिंह

कशी तुझ समजावू सांग ?



___________________

कशी तुझ समजावू सांग ?
का भामिनी उगिच राग ?

अस्याहून मधु रुसवा
हेमंती उष्ण हवा
संध्येचा साज नवा
हा का प्रणयानुराग ?

चाफेकळी केवी फुले
ओठ-कमल जेवी उले
भोवती मधुगंध पाले
का प्रसन्न वादन राग ?

वृत्तीचा होम अमुप
त्यात जाळू गे विकल्प
होवूनिया निर्विकल्प
अक्षय करू यज-याग

ओठांचे फेड बंध
गा इकडे मुक्तछंद
श्वासांचे करू प्रबंद
हृदयांचे मधु प्रयाग
______________

गीत : बाकीबाब बोरकर
स्वर / संगीत : पंडित जितेंद्र अभिषेकी

अंतरिचा बोल सखे

 ___________

केशी तुझीया...


_______________

केशी तुझिया फुले उगवतील ओ ओ ,तुला कशाला वेणी ?
चांदण्यास शिणगार कशाला ?चांदण्यास शिणगार कशाला ?
बसशील तेथे लेणी !!
तुला कशाला वेणी ?
काळोखातही नीळ फुलवशील
...चमेलीत बन वाटा
तळमळणाऱ्या पुळणीवर
आणतिल मोगरी लाटा
पहाटशी तू अमल निरागस
संध्ये परिस ही भोळी
जुन्याच ओळी गुणगुणताना
जमतील सोन पिसोळी.....
तुला कशाला वेणी!...बसशील तेथे लेणी
तुझी पावले ..पावलेss पावले भिडता येईल
तीर्थ कळा पाण्याला
स्वरांच्या उठतो तुझ्या.. स्वरांच्या स्पर्शे येईल
अर्थ नवा गाण्याला
वाळूतील ही तृण पात्याशी
तुझे कोवळे नाते !
तुझ्या दिठीने क्षितीजीचेही अभ्र वितळून जाssते !
तुला कशाला वेणी!..
अशा तुला का हवे प्रसाधन! तूच तुझे ग लेणे !!
तुला पाहिल्यामुळे आमुचे कृतार्थ इथले येणे.... कृतार्थ इथले येणे !!!
तूच तुझे ग लेणे ...
केशी तुझिया फुले उगवतील ,तुला कशाला वेणी ?
चांदण्यास शिणगार कशाला ? बसशील तेथे लेणी !
तुला कशाला वेणी ?

_____________________

अनंता तुला कोण पाहु शके

________________
अनंता तुला कोण पाहु शके
तुला गातसा वेद झाले मुके
मतीमंद अंधा कसा तू दिसे
तुझी रूप तृष्णा मनाला असे

तुझा ठाव कोठे कळेना तरी
गमे माणसा चारूरी माधुरी
तरु वाल्लरीना भूली मी पुसे
तुम्हा निर्मिता देव कोठे वसे

फुले सृष्टीची मानसा राजिती
घरी सोयरी गुंगविती मती
सुखे भिन्नही येथे प्राणी चुके
कुठे चिन्मया ऐक्य लाभू साके

तुझे विश्व ब्रम्हान्डही नि:स्तुला
कृती गावया रे कळेना मला
भुकी बालका माय देवा चुके
तया पाजुनी कोण तोषु शके

नवी भावपुष्पे तुला वाहिली
तशी आर्पीली भक्ति बाष्पाजली
तुझ्या पद्मपत्रावरी ती स्थिरो
प्रभू कल्पना जल्पना त्या हरो
_____________

गीत : बाकीबाब बोरकर
स्वर/संगीत : पंडित जितेंद्र अभिषेकी

गोंईंचें नाव (Remake)


______________

गोंयचे नाव व्हड करून ल्हान जाले म्हान,
बंदखानीची देवळा जाली लामणदिवे प्राण.
_________________

गीत : बाकीबाब बोरक
स्वर/संगीत : पंडित जितेंद्र अभिषेकी

आयुष्याची आता...


______________

आयुष्याची आता झाली उजवण,
येती तो तो क्षण अमृताचा;

जे जे भेटे ते ते दर्पणीचे बिंब,
तुझे प्रतिबिंब लाडेगोडे;

सुखोत्सवे असा जीव अनावर,
पिंजर्याचे दार उघडावे;

संधिप्रकाशात अजून जो सोने,
तो माझी लोचने मिटो यावी;

असावीस पास, जसा स्वप्रभास,
जीवी कासावीस झाल्यावीण;

तेव्हा सखे आण तुळशीचे पान,
तुझ्या घरी वाण त्याची नाही;

तूच ओढलेले त्यासवे दे पाणी,
थोर ना त्याहनी तीर्थ दुजे;

वाळल्या ओठा दे निरोपाचे फूल,
भुलीतली भूल शेवटली.
____________

गीत : बाकीबाब बोरकर
स्वर/संगीत : सलील कुलकर्णी

तव नयनांचे दल हलले ग !


_______________

तव नयनांचे दल हलले ग !
पानावरच्या दवबिंदूपरी
त्रिभुवन हे डळमळले ग !

तारे गळले, वारे ढळले
दिग्गज पंचाननसे वळले
गिरी ढासळले, सुर कोसळले
ऋषी, मुनी, योगी चळले ग !

ऋतुचाक्राचे आस उडाले
आभाळातुनी शब्द निघाले,
"आवर आवर अपुले भाले
मीन जळी तळमळले ग !"

हृदयी माझ्या चकमक झडली
नजर तुझी धरणीला जडली
दो हृदयांची किमया घडली
पुनरपी जग सावरले ग !
_______________

गीतकार : बाकीबाब बोरकर
स्वर : रविंद्र साठे
*स्वर/संगीत : सलील कुलकर्णी (originally)

जीवन त्यांना कळले हो


________________

मीपण ज्यांचे पक्व फळापरी
सहजपणाने गळले हो
जीवन त्यांना कळले हो

जलापरी मन निर्मळ ज्यांचे
गेले तेथे मिळले हो
चराचाराचे होऊनी जीवन
स्नेहसां पजळले
जीवन त्यांना कळले हो

सिंधुसम हृदयात जयांच्या
रस सगळे आकळले हो
आपत्काली अन दीनावर
घन होऊनी जे वळले हो
जीवन त्यांना कळले हो

दूरित जयांच्या दर्शनमात्रे
मोहित होऊनी जाळले हो
पुण्य जयांच्या उजवाडाने
फुलले अन परिमळले हो
जीवन त्यांना कळले हो

आत्मदळाने नक्षत्राने
वैभव ज्यांनी तुळीले हो
सायासाविण ब्रम्ह सनातन
घरीच ज्या आढऴले हो
उरीच ज्या आढऴले हो
________________

गीतकार : बाकीबाब बोरकर
संगीत : भानुकांत लुकतुके
स्वर : श्यामा चित्तार व कैलाशनाथ जैस्वाल

क्या टूटा हैं ?

___________
क्या टूटा है अन्दर अन्दर, क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है
तनहा तनहा रोने वालों, कौन तुम्हें याद आया है

चुपके चुपके सुलग रहे थे, याद में उनकी दीवाने
इक तारे ने टूट के यारों, क्या उनको समझाया है

रंग बिरंगी इस महफ़िल में, तुम क्यूं इतने चुप चुप हो
भूल भी जाओ पागल लोगों, क्या खोया क्या पाया है

है शेर कहाँ है खून है दिल का, जो लफ़्ज़ों में बिखरा है
दिल के ज़ख्म दिखा कर हमने, महफ़िल को गरमाया है

अब ‘शेहजाद’ ये झूठ न बोलो, वो इतने बेदर्द नहीं
अपनी चाहत को हभी परखो, गर इलज़ाम लगाया है
____________________

शायर : आमिर खुसरू
फनकार : मेहंदी हसन

आपूल्या हाती नसते काही

_________________

आपूल्या हाती नसते काही, हे समजावे
कुणी दिसे जर हात आपुले, हाती घ्यावे

कधीच नसतो मातीवरती हक्क आपुला
पाण्याने जर लळा लाविला, रुजून यावे

भिरभिरणार्‍या फुलपाखरा नसेन आशा
विसावले जर, ओजळीचे तर फूल करावे

नको याचना जीव जडवुनी बरसातीची
मेघच जाहले अनीवर, भिजून घ्यावे

नकॉच मनधरनी अर्ताची नको आर्ज़ावे
शब्दानी जर मिठी घातली, गाणे गावे
____________________

गीत: मंगेश पाडगावकर
स्वर: अरुण दाते
संगीत: यशवंत देव