भीनी भीनी भोर आइ

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भिनी भिनी भोर भोर आयी
भिनी भिनी भोर भोर आयी
रूप रूप पर छिडके सोना
स्वर्ण कलश चमकाती आयी आयी
भिनी भिनी भोर भोर आयी .........!! धृ !!

माथे सुनहरी टीका लगाये
आ आ आ आ आ आ .........
माथे सुनहरी टीका लगाये
बात बात पर गोटा लगाये लगाये
गोटा लगाई लगाई
आ आ आ आ आ आ आ आ
सात रंग कि जाई आयी आई
भिनी भिनी भोर भोर आई.......... !! १ !!

ओस धुले मुख पोछे सारे
आ आ .....आ आ ............
ओस धुले मुख पोछे सारे
आंगन लेत गई उजियारे
उजियारे उजियारे
सा रे ग मा धा नि......
जागो जगर की बेला आयी आयी
भिनी भिनी भोर आई... भोर आई .......!! २ !!

भिनी भिनी भोर आई.... भोर आई
रूप रूप पर छिडके सोना
रूप रूप पर छिडके सोना
स्वर्ण कलश चमकाती आई आई
भिनी भिनी भोर भोर आई
भिनी भिनी भोर भिनी आई......... ..!! ३ !!
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गीत : गुलज़ार
संगीत : पंचम दा (आर.डी. बर्मन)
स्वर : आशा भोसले