एक ग़ज़ल दो परिप्रेक्ष्य अंदाज़



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जगजीत सिंग
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ग़ुलाम अली
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थोदासा हट के...

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हमीद आली खान
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कल चौदवी की रात थी
शब भर रहा चर्चा तेरा
कुछ ने कहा यह चाँद है
कुछ ने कहा चेहरा तेरा

हम भी वहीं मौजूद थे
उन्से भी सब पूच्छा किए
हम भी वहीं मौजूद थे
हुंसे भी सब पूच्छा किए

हम हस दिए, हम चुप रहे
मंज़ूर था परदा तेरा
कल चौदवी की रात थी
इस शहेर में किससे मिले

उनसे तो छूती महफिलें
इस शहेर में किससे मिले
उनसे तो छूती महफिलें
हर शक्स तेरा नाम ले

हर शक्स दीवाना तेरा
कल चौदवी की रात थी
शब भर रहा चर्चा तेरा
कल चौदवी की रात थी

कूंचे को तेरे छ्चोड़कर
जोगी ही बन जाए मगर
कूंचे को तेरे छ्चोड़कर
जोगी ही बन जाए मगर

जंगल तेरे, परबत तेरे
बस्ती तेरी, सहेरा तेरा
कल चौदवी की रात थी
बेदर्द सुन्नी हो तो चल

कहता है क्या अच्छि गाज़ल
बेदर्द सुन्नी हो तो चल
कहता है क्या अच्छि गाज़ल
आशिक़ तेरा, रुसवाँ तेरा

शायर तेरा, इंशा तेरा
कल चौदवी की रात थी
शब भर रहा चर्चा तेरा
कल चौदवी की रात थी

में ना हिन्दू न मुसलमान


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में ना हिन्दू न मुसलमान मुझे जीने दो,
میں نا ھندو نہ مسلمان مجھےجینےدو
दोस्ती है मेरा इमान मुझे जीने दो.
دوستی ہے میراامان مجھےجینےدو

कोई एहसान न करो मुझपे तो एहसान होगा,
کوئی ئیہسان نہ کرو مجھپےتو ئیہسان ھوگا
सिर्फ इतना करो एहसान मुझे जीने दो.
سرپھاتنا کرو ئیہسان مجھےجینےدو

सबके दूख दर्द को अपना समझ के जीना,
سبکےدوکھ درد کو اپنا سمجھ کےجینا
बस यही है मेरा अरमान मुझे जीने दो
بس یہی ہے میرا اَرمان مجھےجینےدو
लोग होते हैं जो हैरान मेरे जीने से,
لوگ ھوتےہیں جو حیران میرےجینےسی
लोग होते रहे हैरान मुझे जीने दो.
لوگ ھوتےرہےحیران مجھےجینےدو
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Lyrics : Shahid Kabir
शायर : शाहिद कबीर
شایر : شاہد کبیر
Music : Talat Aziz
संगीत : तलत अज़ीज़
سنگیت : تلت اَجیج
Singer : Jagjit Singh
स्वर : जगजीत सिंग
سور : جگجیت سنگ

मौत ना आई





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रात गयी कर तारा तारा,
رات مندرجہ ذیل کر تارا تارا
होया दिल दा दर्द अधारा,
ہویا دل دا درد اَدھارا

आखा होइया हंजू हंजू,
آکھا ھوئیا ھنجو ھنجو
दिल दा शीशा परा परा,
دل دا شیشا پرا پرا

हूँ ता मेरे दो ही साथी,
ہوںتا میرےدو ھی ساتھی
एक होका एक हंजू खरा,
ئیک ھوکا ایک ھنجو کھرا

मरना चाहा मौत ना आई,
مرنا سایہ موت نا آئی
मौत वी मैनउ दे गयी लारा
مؤت وی میناُ دے مندرجہ ذیل لارا
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ਰਾਤ ਗਯੀ ਕਰ ਤਰਾ ਤਰਾ,
ਹੋਯ ਦਿਲ ਦਾ ਦਰਦ ਆਧਾਰਾ,

ਆਖਾ ਹੋਇਿਆ ਹੰਜੂ ਹੰਜੂ,
ਦਿਲ ਦਾ ਸ਼ੀਸ਼ਾ ਪਾੜਾ ਪਾੜਾ,

ਹੁਣ ਤਾ ਮੇਰੇ ਦੋ ਹੀ ਸਾਥੀ,
ਏਕ ਹੋਕਾ ਏਕ ਹੰਜੂ ਖੜਾ,

ਮਾਰਨਾ ਚਹਾਯਾ ਮੌਤ ਨਾ ਆਈ,
ਮੌਤ ਵੀ ਮੈਨੂ ਦੇ ਗਾਯੀ ਲਾਰਾ
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स्वर/संगीत : जगजीत सिंग
سور/سنگیت : جگجیت سنگ
ਸ੍ਵਰ/ਸੰਗੀਤ : ਜਗਜੀਤ ਸਿੰਘ

संया रूठ गये