माँ सूनाओ मुझे वो कहानी



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माँ सूनाओ मुझे वो कहानी
जिसमे राजा ना हो ना हो रानी

जो हमारी तुम्हारी कथा हो
जो सभी के हृदय की व्यथा हो
गंध जिसमे हो अपनी धरा की
बात जिसमे ना हो अप्सरा की
हो ना पारियाँ जहाँ आसमानी

वो कहानी को हसना सीखा दे
पेट की भूख को जो भुला दे
जिसमे सच की भरी चाँदनी हो
जिसमे उम्मीद की रोशनी हो
जिसमे ना हो कहानी पुरानी
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शायर: नंदलाल पाठक
फ़नकार: सीज़ा रॉय