मेरे दिल में तू ही तू है


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मेरे दिल में तू ही तू है, दिल की दवा क्या करूँ
अभी:
दिल भी तू है जाँ भी तू है, तुझपे फ़िदा क्या करूँ
अभी-सुभी: 
मेरे दिल में तू ही तू है, दिल की दवा क्या करूँ
सुभी:
खुद को खो के तुझको पाकर क्या\-क्या मिल क्या कहूँ
तेरी होके जीने में क्या आय मज़ा क्या कहूँ
अभी:
कैसे दिन हैं कैसी रातें कैसी फ़िज़ा क्या कहूँ
मेरी होके तूने मुझको क्या क्या दिया क्या कहूँ
सुभी:
मेरे पहलू में जब तू है फिर मैं दुआ क्या करूँ
अभी:
दिल भी तू है जाँ भी तू है तुझपे फ़िदा क्या करूँ
अभी-सुभी:
मेरे दिल में तू ही तू है, दिल की दवा क्या करूँ
अभी:
है ये दुनिया दिल की दुनिया मिलके रहेंगे यहाँ
लूटेंगे हम खुशियाँ हर पल दुःख न सहेंगे यहाँ
सुभी:
अरमानो के चंचल धारे ऐसे बहेंगे यहाँ
ये तो सपनो की जन्नत है, सब ही कहेंगे यहाँ
ये दुनिया मेरे दिल में बसी है, दिल से जुदा क्या करूँ
अभी:
दिल भी तू है जाँ भी तू है, तुझपे फ़िदा क्या करूँ
अभी-सुभी: 
मेरे दिल में तू ही तू है, दिल की दवा क्या करूँ