हमने काटी हैं तेरी याद में



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हमने काटी हैं तेरी याद में रातें अक्सर
दिल से गुज़री हैं सितारों की बारातें अक्सर

उन्न से पूछो कभी चेहरे भी पड़े हैं तुमने
जो किताबों की किया करते हैं बातें अक्सर

हमने उन्न टुंड हवाओं में जलाए हैं चीराघ
जिन हवाओं ने उलट दी हैं बिसातें अक्सर

और तो कौन है जो मुझ को तसल्ली देता
हाथ रख देती हैं दिल पर तेरी यादें अक्सर

हाल कहना है क़िस्सी से तो मुखातिब है कोई
कितनी दिलचस्प हुआ करती हैं बातें अक्सर
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फ़नकार : हरिहरन