मैं ने तुमसे कुछ नही मांगा

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मैने तुम से कूछ नहीं मांगा...
आज दे दो आज दे दो
सौ बरस से जगह इन नैनो को
नींद का वरदान दे दो.. दे दो
मैने तुम से कूछ नहीं मांगा..

घेरती खुशबुये फिर वही आहटे
बार बार चौकना फिर वही करवते
वोही बाहो के घेरो मे बंधना
वोही नजरोन के साये मे तपना
कब तलक डोर खिचेगी मुझ को
छोड दो मेरा अभिमान दे दो
मैने तुम से कुच्छ नही मांगा

इन अन्धरो से झुजुंगा कैसे
इस तऱ्हा रोशनी इतनी मैन झेलू
यादो को भीड टकरा रही युन
हात बांधे हुवे चूर हो दून
झटपटाते हृदय को दया कर
सांस ले निकाम अधिकार दे दो

मैने तुम से कुच्छ नाहीं मांगा
आज दे दो ..आज दे दो
सौ बरस से जगह इन नैनो को
नींद का वरदान दे दो.. दे दो
मैने तुम से कूछ नहीं मांगा..
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चित्रपट : कथा
चित्रनिर्देशिका : सई परांजपे
स्वर : किशोरे कुमार


तुमने दिल की बात कह दी

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तुमने दिल की बात कह दी आज यह अच्छा हुआ
हम तुम्हे अपना समझते थे, बड़ा धोका हुवा

जब भी हुँ कुछ कहा उसका असर उलटा हुवा
आप शायद भूलते है, बार हा ऐसा हुवा

आपकी आँखों में यह आंसू कहाँ से आ गये
हम तो दीवाने है लेकिन आपको ये क्या हुवा

अब किसी से क्या कहें ‘इक़बाल’ अपनी दास्ताण
बस खुदा का शुख्र है जो भी हुवा अच्छा हुवा
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शायर : इक़बाल अज़ीम
मौसीकार : जगजीत सिंग
फनकार : जगजीत सिंग

मालवून टाक दीप

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मालवून टाक दीप, चेतवून अंग अंग
राजसा किती दिसात, लाभला निवांत संग

त्या तिथे फुलाफुलात, पेंगते अजून रात
हाय तू करु नकोस, एवढयात स्वप्न भंग

दूर दूर तारकांत, बैसली पहाट न्हात
सावकाश घे टिपून एक एक रुपरंग

गार गार या हवेत घेऊनी मला कवेत
मोकळे करुन टाक एकवार अंतरंग

ते तुला कसे कळेल, कोण एकटे जळेल
सांग का कधी खरेच, एकटा जळे पतंग

काय हा तुझाच श्वास, दरवळे इथे सुवास
बोल रे हळू उठेल, चांदण्यावरी तरंग
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गीतकार :सुरेश भट
गायक :लता मंगेशकर
संगीतकार :पं. हृदयनाथ मंगेशकर