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तुमने दिल की बात कह दी आज यह अच्छा हुआ
हम तुम्हे अपना समझते थे, बड़ा धोका हुवा
जब भी हुँ कुछ कहा उसका असर उलटा हुवा
आप शायद भूलते है, बार हा ऐसा हुवा
आपकी आँखों में यह आंसू कहाँ से आ गये
हम तो दीवाने है लेकिन आपको ये क्या हुवा
अब किसी से क्या कहें ‘इक़बाल’ अपनी दास्ताण
बस खुदा का शुख्र है जो भी हुवा अच्छा हुवा
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शायर : इक़बाल अज़ीम
मौसीकार : जगजीत सिंग
फनकार : जगजीत सिंग
हम तुम्हे अपना समझते थे, बड़ा धोका हुवा
जब भी हुँ कुछ कहा उसका असर उलटा हुवा
आप शायद भूलते है, बार हा ऐसा हुवा
आपकी आँखों में यह आंसू कहाँ से आ गये
हम तो दीवाने है लेकिन आपको ये क्या हुवा
अब किसी से क्या कहें ‘इक़बाल’ अपनी दास्ताण
बस खुदा का शुख्र है जो भी हुवा अच्छा हुवा
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शायर : इक़बाल अज़ीम
मौसीकार : जगजीत सिंग
फनकार : जगजीत सिंग
November 21, 2010 at 4:58:00 PM GMT+5:30
how realistic.....!!!
November 21, 2010 at 7:16:00 PM GMT+5:30
so soothing graphics...lyrics r quite close to the life...