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दायाँ पड़ा हुआ तेरे दर पर नहीं हूँ मैं
खाक ऐसी ज़िंदगी पे के पट्थत नही हूँ मैं
यारब ! ज़माना मुझ को मिताता है किस लिए
लौह-ए-जहाँ पे हरफ़-ए-मुक़र्रर नही हूँ मैं
क्यूँ गर्दिश-ए-मुदाम से घबरा ना जाए दिल
इंसान हूँ, प्याला-ओ-सागर नही हूँ मैं
हद चाहिए सज़ा में उक़ूबत के वास्ते
आख्हिर गुनाहगार हूँ काफ़िर नही हूँ मैं
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फ़नकार : हरिहरन
فنکار : جگجت سنگ
शायर : मिर्ज़ा गालिब
شایر : مرزا گالب
खाक ऐसी ज़िंदगी पे के पट्थत नही हूँ मैं
यारब ! ज़माना मुझ को मिताता है किस लिए
लौह-ए-जहाँ पे हरफ़-ए-मुक़र्रर नही हूँ मैं
क्यूँ गर्दिश-ए-मुदाम से घबरा ना जाए दिल
इंसान हूँ, प्याला-ओ-सागर नही हूँ मैं
हद चाहिए सज़ा में उक़ूबत के वास्ते
आख्हिर गुनाहगार हूँ काफ़िर नही हूँ मैं
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फ़नकार : हरिहरन
فنکار : جگجت سنگ
शायर : मिर्ज़ा गालिब
شایر : مرزا گالب
November 22, 2010 at 5:55:00 PM GMT+5:30
Gr8 composition.....thanks for the tag.
November 22, 2010 at 5:55:00 PM GMT+5:30
i love cea!
November 22, 2010 at 5:55:00 PM GMT+5:30
bahut khub ..Hariharan is gr8!
November 22, 2010 at 5:56:00 PM GMT+5:30
DAYAM PARHA HUA TERE DAR PAR NAHI HUN MAIN.....AMAZING.
November 22, 2010 at 5:56:00 PM GMT+5:30
realy its heart touches.... gr8
November 23, 2010 at 1:17:00 AM GMT+5:30
Abhi..is it you appearing on the stage? and Jagjit singh's voice..?
November 23, 2010 at 1:17:00 AM GMT+5:30
yes..
February 7, 2011 at 1:44:00 PM GMT+5:30
क्यूँ गर्दिश-ए-मुदाम से घबरा ना जाए दिल,
इंसान हूँ, प्याला-ओ-सागर नही हूँ मैं..
बहुत खूब ...गझल बहुत खूब graphics...thanksss !
February 7, 2011 at 5:35:00 PM GMT+5:30
really good one