डाकिया डाक लाया

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डाकिया डाक लाया डाक लाया
कुशी का पयाँ कहीं दर्दनाक लाया
डाकिया डाक लाया ...

इंदर के भतीजे की साली की सगाई है
ओ आती पूरनामासी को क़रार पाई है
मामा आपको लेने आते मगर मजबूरी है
बच्चों समेत आना आपको ज़रूरी है
दादा तो अरे रे रे रे दादा तो गुज़र गए दादी बीमार है
नाना का भी तेरहवाँ आते सोमवार है
छ्होटे को प्यार देना बड़ों को नमस्कार
मेरी मजबूरी समझो कारद को तार
शादी का संदेसा तेरा है सोमनाथ लाया
डाकिया डाक लाया ...

आई डाकिया बाबू
क्या है री
छ्च महीना होई गावा काट नही लिखिन
काट नही लिखिन
बोल क्या लिखूं
बस जल्दी से आने का लिख दे
बिरहा में कैसे-कैसे काटीं रतियाँ
सावन सुनाए बैरी भीगीइ-भििगी बतियां
अग्नि की जलन में जले बावारिया
ओ नौकरिया छ्चोड़ के तू आ जाना साँवरिया
आजा रे साँवरिया आजा बैसाख आया
डाकिया डाक लाया ...
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चित्रपट : पलकों की छाव मैं
स्वर : किशोर कुमार और वंदना शास्त्री

2 Response to "डाकिया डाक लाया"

  1. Suri Says:
    May 31, 2011 at 1:45:00 AM GMT+5:30

    Purane jamane me DAAKIYA ka intejaar hota tha.....aaj woh jagah IT field ne le li.......
    But traditional way of postman has its own charm !! yhanx for selecting this song :-))

  2. Aradhana John Says:
    May 31, 2011 at 7:11:00 AM GMT+5:30

    DAKIA" HAS BECOME A RARE SPECIES JUS LIKE "GENTELMAN"....
    IN THIS WORLD OF HACKERS N EMAIL N SMS SERVICES WE DON'T ACKNOWLEDGE THEIR SELFLESS SERVICE RENDERED BY THEM IN ANY SEASON IN ALL THE MOODS.....thanks......

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