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आप की याद, आती रही रातभर
चश्मा-ये-नाम मुस्कुराती रही रातभर
रातभर दर्द की शम्मा जलती रही
गम की लाउ तारथराती रही रातभर
बासूरी की सुरीली सुहानी सदा
याद बन बन के आती रही रातभर
याद के चाँद दिल में उतरते रहे
चाँदनी ज़गमगाती रही रातभर
कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा
कोई आवाज़ आती रही रातभर
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चित्रपट : गमन
निर्देशक : मुज़फर अली
मौसीकार : जयदेव
फनकार : छाया गांगुली
चश्मा-ये-नाम मुस्कुराती रही रातभर
रातभर दर्द की शम्मा जलती रही
गम की लाउ तारथराती रही रातभर
बासूरी की सुरीली सुहानी सदा
याद बन बन के आती रही रातभर
याद के चाँद दिल में उतरते रहे
चाँदनी ज़गमगाती रही रातभर
कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा
कोई आवाज़ आती रही रातभर
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चित्रपट : गमन
निर्देशक : मुज़फर अली
मौसीकार : जयदेव
फनकार : छाया गांगुली
August 14, 2011 at 10:29:00 PM GMT+5:30
याद के चाँद दिल में उतरते रहे
चाँदनी ज़गमगाती रही रातभर....... लम्हो को साथ जीते भी अगर हम.....
तुम बहार जो रहते हो रात भर
August 14, 2011 at 10:30:00 PM GMT+5:30
joke apart lovely selection...
August 16, 2011 at 9:32:00 PM GMT+5:30
the music too of this song is equally well composed in a lilting melody to match the depth of the lyrics!!