रिमझिम गिरे सावन


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रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मॅन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी यह अगन

रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मॅन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी यह अगन
रिमझिम गिरे सावन

जब घुंघरूण सी बजती हैं बूँदें
अरमान हमारे पलकें ना मूंदें
जब घुंघरूण सी बजती हैं बूँदें
अरमान हमारे पलकें ना मूंदें
कैसे देखें सपने नयन
सुलग सुलग जाए मॅन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी यह अगन
रिमझिम गिरे सावन

महफ़िल में कैसे केहदें किसीसे
दिल बाँध रहा है किस अजनबी से
महफ़िल में कैसे केहदें किसीसे
दिल बाँध रहा है किस अजनबी से
हाए करें अब क्या जतन
सुलग सुलग जाए मॅन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी यह अगन
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मॅन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी यह अगन
रिमझिम गिरे सावन
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चित्रपट : मंज़िल
स्वर : किशोर कुमार

1 Response to "रिमझिम गिरे सावन"

  1. Shirish Dadke ‎ Says:
    March 26, 2012 at 11:29:00 AM GMT+5:30

    "jab ghungruosi
    Bajati hai booknde

    Armaa hamare palke naa munde....."

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