पहला नशा


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चाहे तुम ना कहो,
मैने सुन लिया...
के साथी प्यार ....
मुझे चुन लिया....चुन लिया... मैने सुन लिया

पहला नशा...पहला हुंमार
नया प्यार है...नया इंतेज़ार
करलू में क्या अपना हाल...
मेरे दिले बेकरार ...तू ही बता....(पहला नशा...)

उड़ता ही फिरूम इन हवाओं में कही
या में झूल जाउ इन घत्ताओं में कही....
एक कर डू आसमान और ज़मीन...
कहो यारों क्या करू क्या नही.....(पहला नशा..)

उसने बॅयात की कुछ ऐसे डांग से
सपने दे गया हज़ारों रंग के
रह जाो जैसे में हार के..
और चूमे वो मुझे प्यार से....(पहला नशा...)

6 Response to "पहला नशा"

  1. Swapna Rajesh Pimple Says:
    April 17, 2012 at 6:03:00 PM GMT+5:30

    are sirf tumch bolo

  2. A+S says:
    April 17, 2012 at 6:03:00 PM GMT+5:30

    अब क्या बोलू? सब कुछ वोही बोलेगी !!!!

  3. Zohra Javed Says:
    April 17, 2012 at 6:04:00 PM GMT+5:30

    Pehla nasha...pehla khumaar....na bole tum na uss ne kuchh kaha...phir bhi jo haal hua hai....wo to hona hi tha.... ;))))))))

  4. DrAmita Kulkarni Purohit Says:
    April 17, 2012 at 6:04:00 PM GMT+5:30

    मस्तच...

  5. Mangala Bhoir Says:
    April 17, 2012 at 6:05:00 PM GMT+5:30

    शुभसंध्या! अभी -सुभी! वाह! मस्तच गाणे! प्यार के नशे का होता है ऐसा जादू, पहली नजरमे ही दिल होता है बेकाबू! रुह-रुह मे समा जाते है बेखबर,जिंदगी भर रहा जाता है उसका असर! :))))

  6. Subhi Abhijeet Dalvi Says:
    April 17, 2012 at 6:05:00 PM GMT+5:30

    पहला नशा "कब" "कहां" और "कैसे"....? ;-)

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