ज़िंदगी एक ख्वाब हैं

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ज़िंदगी ख्वाब है, ख्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
सब सच है
ज़िंदगी ख्वाब है

दिल ने हमसे जो कहा, हमने वैसा ही किया
फिर कभी फ़ुर्सत से सोचेंगे बुरा था या भला
ज़िंदगी ख्वाब है

एक कटरा मैईय का जब, पत्थर के होंठों पर पढ़ा
उसके सीने में भी दिल धड़का ये उसने भी कहा
क्या
ज़िंदगी ख्वाब है

एक प्याली भर के मैने, घाम के मारे दिल को दी
ज़हर ने मारा ज़हर को, मुरड़े में फिर जान आ गई
ज़िंदगी ख्वाब है

1 Response to "ज़िंदगी एक ख्वाब हैं"

  1. Mangala Bhoir Says:
    May 18, 2011 at 8:44:00 PM GMT+5:30

    wah! khup sundar gane aahe! thanks!

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