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ये बातें झुटि बातें हैं
ये लोगों ने फैलाई हैं
तुम इंशजी का नाम ना लो
क्या इंशजी सौदाई हैं
ये बातें झुटि बातें हैं
ये लोगों ने फैलाई हैं
ये बातें, ये बातें
है लाखों रोग ज़माने में
क्यों इश्क़ है रुसवा बेचारा
हैं और भी वजे वहशत की
इंसान को रखती दुखियारा
हन बेकल बेकल रहता है
वो प्रीत में जिस ने दिल हरा
पर शाम से लेकर सुबो तलाक़
यून कौन फिरे है आवारा
ये बातें झुटि बातें हैं
ये लोगों ने फैलाई हैं
ये बातें, ये बातें
गर इश्क़ किया है तब क्या है
क्यों शाद नहीं आबाद नहीं
जो जाम लिए बिन चल ना सके
ये ऐसी भी उस्ताद नहीं
फाइंड मोरे लिरिक्स अट ववव.स्वीत्सल्यरीक्स.कॉम
ये बात तो तुम भी मानो गे
वो कैस नहीं फरहाद नहीं
क्या हिजर का दारू मुश्किल है
क्या फास्ल मुस्ते याद नहीं
ये बातें झुटि बातें हैं
ये लोगों ने फैलाई हैं
ये बातें, ये बातें
जो हम से कहो हम करते हैं
क्या इंशा को समझना है
उस लड़की से भी कहलेंगे
गो अब कुच्छ और ज़माना है
या छ्चोड़ें या तकमील करें
ये इश्क़ है या अफ़साना है
ये कैसा गोरख धनदा है
ये कैसा तानाबाना है
ये बातें झुटि बातें हैं
ये लोगों ने फैलाई हैं
तुम इंशजी का नाम ना लो
क्या इंशजी सौदाई हैं
ये बातें झुटि बातें हैं
ये लोगों ने फैलाई हैं
ये बातें, ये बातें
ये बातें, ये बातें
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फनकार/मौसीकार : गुलाम अली
ये लोगों ने फैलाई हैं
तुम इंशजी का नाम ना लो
क्या इंशजी सौदाई हैं
ये बातें झुटि बातें हैं
ये लोगों ने फैलाई हैं
ये बातें, ये बातें
है लाखों रोग ज़माने में
क्यों इश्क़ है रुसवा बेचारा
हैं और भी वजे वहशत की
इंसान को रखती दुखियारा
हन बेकल बेकल रहता है
वो प्रीत में जिस ने दिल हरा
पर शाम से लेकर सुबो तलाक़
यून कौन फिरे है आवारा
ये बातें झुटि बातें हैं
ये लोगों ने फैलाई हैं
ये बातें, ये बातें
गर इश्क़ किया है तब क्या है
क्यों शाद नहीं आबाद नहीं
जो जाम लिए बिन चल ना सके
ये ऐसी भी उस्ताद नहीं
फाइंड मोरे लिरिक्स अट ववव.स्वीत्सल्यरीक्स.कॉम
ये बात तो तुम भी मानो गे
वो कैस नहीं फरहाद नहीं
क्या हिजर का दारू मुश्किल है
क्या फास्ल मुस्ते याद नहीं
ये बातें झुटि बातें हैं
ये लोगों ने फैलाई हैं
ये बातें, ये बातें
जो हम से कहो हम करते हैं
क्या इंशा को समझना है
उस लड़की से भी कहलेंगे
गो अब कुच्छ और ज़माना है
या छ्चोड़ें या तकमील करें
ये इश्क़ है या अफ़साना है
ये कैसा गोरख धनदा है
ये कैसा तानाबाना है
ये बातें झुटि बातें हैं
ये लोगों ने फैलाई हैं
तुम इंशजी का नाम ना लो
क्या इंशजी सौदाई हैं
ये बातें झुटि बातें हैं
ये लोगों ने फैलाई हैं
ये बातें, ये बातें
ये बातें, ये बातें
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फनकार/मौसीकार : गुलाम अली
July 5, 2011 at 9:54:00 AM GMT+5:30
beautiful one....thanks...
July 5, 2011 at 10:06:00 AM GMT+5:30
awesome!thanks.
July 5, 2011 at 10:30:00 AM GMT+5:30
hain lakho rog zamaney main kiyuishak hai ruswa bechara!
July 5, 2011 at 4:10:00 PM GMT+5:30
ये बातें...झूठी बातें हैं.....ये लोगों ने फैलाई हैं.....
सच्च में ये सच्च हैं.......
कि ये बातें...झूठी बातें हैं
हैं ना ? ;-)))))))))
July 5, 2011 at 4:29:00 PM GMT+5:30
गर इश्क़ किया है तब क्या है..
उस लड़की से भी कहलेंगे.....
ये इश्क़ है या अफ़साना है...
ये कैसा गोरख धनदा है....
ये कैसा तानाबाना है.....
उस लड़की से भी कहलेंगे.....