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जीना तो है पर एय दिल कहा (२)
आरे बैतू वो तो नही मिलती हैं जमी हू
मैं उड़ना चाहू तो हैं डोर आस्मा
नाराज़ कोई ना कोई मेहेर्बा
ना कही कोई बिजली ना कोई आशिया (२)
आरे बैतू तो ऊऊओ नही मिलती हैं ज़ामी हूऊऊओ
मैं उड़ना चाहू तो हैं डोर आस्मा
जीना तो है पर आए दिल कहा
जलता हैं बदन कही साया नही
किसी आँचल के बदले हैं सुलगता ढून्या (२)
आरे बैतू तो ऊऊओ नही मिलती हैं जमी हू
मैं उड़ना चाहू तो हैं डोर आस्मा
जीना तो है पर आए दिल कहा (२)
आरे बैतू वो तो नही मिलती हैं जमी हू
मैं उड़ना चाहू तो हैं डोर आस्मा
नाराज़ कोई ना कोई मेहेर्बा
ना कही कोई बिजली ना कोई आशिया (२)
आरे बैतू तो ऊऊओ नही मिलती हैं ज़ामी हूऊऊओ
मैं उड़ना चाहू तो हैं डोर आस्मा
जीना तो है पर आए दिल कहा
जलता हैं बदन कही साया नही
किसी आँचल के बदले हैं सुलगता ढून्या (२)
आरे बैतू तो ऊऊओ नही मिलती हैं जमी हू
मैं उड़ना चाहू तो हैं डोर आस्मा
जीना तो है पर आए दिल कहा (२)
November 22, 2010 at 2:47:00 PM GMT+5:30
well said
November 22, 2010 at 2:47:00 PM GMT+5:30
Boss.. Abhi Thnx for this wonderful song..even i have been looking for this song for a long time.......
This song from which movie? Daulat Ke Dushman Or Paanch Dushman... ha mudda.. vadatit aahe.. pan aaso……… really Melodious song.. gr...eat lyrics...great composition... ... In short great combination.
November 22, 2010 at 2:47:00 PM GMT+5:30
good songs
November 22, 2010 at 2:48:00 PM GMT+5:30
good song Amit waiting for your new poem
November 22, 2010 at 2:48:00 PM GMT+5:30
very good lyrics & composition.
November 22, 2010 at 2:49:00 PM GMT+5:30
Azra Please mail me above song, its really good 1
thanks and regards
Salim Bhai
January 7, 2011 at 8:25:00 AM GMT+5:30
zindagi ki haqeeqat.