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जाग के कटी सारी रैना,
नयनो मे कल ऊस गिरिति,
प्रेम की अग्नि बुज़ति नही है,
बहती नादिया रुकती नही है,
सागर तट बहते दो नैना,
रूह के बंधन खुलते नही है,
दाग्ग है दिल के धुलते नही है,
करवट करवट बाटी रैना
नयनो मे कल ऊस गिरिति,
प्रेम की अग्नि बुज़ति नही है,
बहती नादिया रुकती नही है,
सागर तट बहते दो नैना,
रूह के बंधन खुलते नही है,
दाग्ग है दिल के धुलते नही है,
करवट करवट बाटी रैना
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