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একলা চলো রে - चल अकेला रे - go ahead alone


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যদি তোর ডাক শুনে কেউ না আসে তবে একলা চলো রে ।
একলা চলো, একলা চলো, একলা চলো, একলা চলো রে ॥
যদি কেউ কথা না কয়, ওরে ওরে ও অভাগা,
যদি সবাই থাকে মুখ ফিরায়ে সবাই করে ভয়—
তবে পরান খুলে

ও তুই মুখ ফুটে তোর মনের কথা একলা বলো রে ॥
যদি সবাই ফিরে যায়, ওরে ওরে ও অভাগা,
যদি গহন পথে যাবার কালে কেউ ফিরে না চায়—
তবে পথের কাঁটা
ও তুই রক্তমাখা চরণতলে একলা দলো রে ॥
যদি আলো না ধরে ওরে ওরে ও অভাগা,
যদি ঝড়-বাদলে আঁধার রাতে দুয়ার দেয় ঘরে-
তবে বজ্রানলে
আপন বুকের পাঁজরা জ্বালিয়ে নিয়ে একলা জ্বলো রে
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here is the hindi translation:

तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे
फिर चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे
ओ तू चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे

तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे
फिर चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे

यदि कोई भी ना बोले ओरे ओ रे ओ अभागे कोई भी ना बोले
यदि सभी मुख मोड़ रहे सब डरा करे
तब डरे बिना ओ तू मुक्तकंठ अपनी बात बोल अकेला रे
ओ तू मुक्तकंठ अपनी बात बोल अकेला रे

तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे

यदि लौट सब चले ओरे ओ रे ओ अभागे लौट सब चले
यदि रात गहरी चलती कोई गौर ना करे
तब पथ के कांटे ओ तू लहू लोहित चरण तल चल अकेला रे

तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे

यदि दिया ना जले ओरे ओ रे ओ अभागे दिया ना जले
यदि बदरी आंधी रात में द्वार बंद सब करे
तब वज्र शिखा से तू ह्रदय पंजर जला और जल अकेला रे
ओ तू हृदय पंजर चला और जल अकेला रे

तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे
फिर चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे
ओ तू चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे
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If they answer not to thy call walk alone.
If they are afraid and cower mutely facing the wall,
O thou unlucky one,
open thy mind and speak out alone.
If they turn away, and desert you when crossing the wilderness,
O thou unlucky one,
trample the thorns under thy tread,
and along the blood-lined track travel अलोन.
If they do not hold up the light when the night is troubled with storm,
O thou unlucky one,
with the thunder flame of pain ignite thy own heart
and let it burn alone.

First (mentioned above bangali) is a one amongst many poetry treasure of Robindranath Thakur (Tagore) followed below is the translation in prose of the Bengali original rendered by Rabindranath Tagore himself.
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स्वर : किशोर कुमार

Abhi❤Subhi


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सोचा था मैंने तो ऐ जान मेरी


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सोचा था मैंने तो ऐ जान मेरी
मोतियों से भर दूँगा माँग तेरी
पर कुछ ना तुझे दे सका
एक मजबूर दिल के सिवा हूँ
तड़पे दिल पलकों के पीछे कितने महल ख़ाबों के लिये \-२
खुलते कभी तो महलों के दर जलते कभी अरमाँ के दिये
तू हँसती एक गुल की तरह
मैं गाता बुलबुल की तरह हूँ

सोचा था मैंने तो ऐ जान मेरी
मोतियों से भर दूँगा माँग तेरी
कब चाहा पर्बत बन जाना देता है जो सदियों का पता \-२
चाहूँ बस एक पल का तराना बन के किसी गुँचे की सदा
खिल जाता एक पल ही सही
धूल का फिर आँचल ही सही हूँ

सोचा था मैंने तो ऐ जान मेरी
मोतियों से भर दूँगा माँग तेरी
फिर भी इस जलते सीने में अब तो यही अरमान पले \-२
चाँदी के सोने के ख़ज़ाने रख दूँ तेरे क़दमों के तले
उठता है तूफ़ान उठे
लुटती है तो जान लुटे हूँ
:आशा भोसले:  
जान-ए-मन तू अकेला नहीं
मैं तेरे साथ हूँ और सिर्फ़ तेरे साथ
:
दो:
हूँ
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चित्रपाट : चाँदी सोना
गीतकार : मजरूह सुल्तान पूरी
संगीतकार : राहुल देव बर्मन
स्वर : किशोर कुमार और आशा भोसले

सागर जैसी आँखों वाली ये तो बता तेरा नाम है क्या

 
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हो, चेहरा है या चाँद खिला है
ज़ुलफ घानेरी शाम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या

तू क्या जाने तेरी खातिर
कितना है बेताब ये दिल
तू क्या जाने देख रहा है
कैसे कैसे ख्वाब ये दिल
दिल कहता है तू है यहाँ तो
जाता लम्हा थम जाए
वक़्त का दरिया बहते बहते
इस मंज़र में जाम जाए
तूने दीवाना दिल को बनाया
इस दिल पर इल्ज़ाम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या...

हो, आज माएईन तुझसे डोर सही
और तू मुझसे अंजान सही
तेरा साथ नहीं पऔन तो
खैर तेरा अरमान सही
ये अरमान हैं शोर नहीं हो
खामोशी के मेले हों
इस दुनिया में कोई नहीं हो
हम दोनो ही अकेले हों
तेरे सपने देख रहा हून
और मेरा अब काम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या...
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स्वर : किशोर कुमार

डाकिया डाक लाया

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डाकिया डाक लाया डाक लाया
कुशी का पयाँ कहीं दर्दनाक लाया
डाकिया डाक लाया ...

इंदर के भतीजे की साली की सगाई है
ओ आती पूरनामासी को क़रार पाई है
मामा आपको लेने आते मगर मजबूरी है
बच्चों समेत आना आपको ज़रूरी है
दादा तो अरे रे रे रे दादा तो गुज़र गए दादी बीमार है
नाना का भी तेरहवाँ आते सोमवार है
छ्होटे को प्यार देना बड़ों को नमस्कार
मेरी मजबूरी समझो कारद को तार
शादी का संदेसा तेरा है सोमनाथ लाया
डाकिया डाक लाया ...

आई डाकिया बाबू
क्या है री
छ्च महीना होई गावा काट नही लिखिन
काट नही लिखिन
बोल क्या लिखूं
बस जल्दी से आने का लिख दे
बिरहा में कैसे-कैसे काटीं रतियाँ
सावन सुनाए बैरी भीगीइ-भििगी बतियां
अग्नि की जलन में जले बावारिया
ओ नौकरिया छ्चोड़ के तू आ जाना साँवरिया
आजा रे साँवरिया आजा बैसाख आया
डाकिया डाक लाया ...
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चित्रपट : पलकों की छाव मैं
स्वर : किशोर कुमार और वंदना शास्त्री

नीला आसमाँ सो गया


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नीला आसमाँ सो गया
ला रा ला रा ला, ला ला ला ला
ला रा ला रा ला, ला ला रा ला हो
नीला आसमाँ सो गया

ओ हो, ऑन्स बरसे रात भीगे होंठ तरराए
धड़कने कुच्छ कहना चाहे कह नहीं पाए
हवा का गीत मध्यम है
समय की चाल भी कम है
नीला आसमाँ सो गया

ओ, मेरी बाहों में शरमाते लाजाते ऐसे तुम आए
की जैसे बादलों में चाँद धीरे धीरे आ जाए
यह तन्हाई यह मैं और तुम
ज़मीन भी हो गयी गुमसूँ
नीला आसमाँ सो गया
ला रा ला रा ला, ला ला रा ला
ला रा ला रा ला, ला ला रा ला हो
नीला आसमाँ सो गया
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स्वर : अमिताभ बच्चन

अन्नदाता (१९८२)


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अन्नदाता (१९८२)
निर्देशक : असित सेन
संगीतकार : सलिल चौधरी
स्वर : लता मंगेशकर, किशोरे कुमार, मुकेश, मन्ना दे, साबिता चॉवधारी

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Om Prakash plays the role of a rich old billionaire - Amba Prasad. He has all the money to buy anything he wants, but what he wants is true love and affection. He goes on a self-exile to a village and finds shelter in the home of Aarti, a poor girl who has a disabled brother and is alone in the world, as her parents have passed away. To make ends meet, Aarti does various jobs throughout the day. In just a few days, Amba Prasad gets close to Aarti and her brother and bonds with them as if they were his own children. He then realizes that love and happiness do not necessarily lie where money is.

किसी को प्यार हो जाएँ









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दिल क्या करे जब किसी से, किसी को प्यार हो जाएँ
जाने कहा कब किसी को, किसी से प्यार हो  जाये
उँची उँची दीवारों सी, इस दुनियाँ की रस्मे
ना कुच्छ तेरे बस में ज्यूली, ना कुच्छ मेरे बस मे

जैसे परबत पे, घटा झुकती हैं
जैसे सागर से, लहर उठती हैं
किसी चेहरे पे, निगाह रुकती हैं
रोक नहीं सकती नज़रों को दुनियाँ भर की रस्में

आ मैं तेरी याद में, सब को भूला  दू
दुनिया को तेरी तसवीर बना दू
मेरा बस चले तो दिल चीर के दिखा दू
दौड़ रहा हैं साथ लहू के, प्यार तेरा नस नस में
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स्वर : किशोर कुमार

पल पल दिल के पास


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पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
जीवन मीठी प्यास, तुम कहती हो

हर शाम आँखों पर, तेरा आँचल लहराए
हर रात यादों की, बारात ले आए
मैं साँस लेता हून, तेरी खुश्बू आती है
एक महका महका सा, पैगाम लाती है
मेरे दिल की धड़कन भी, तेरे गीत गात है
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो...

कल तुझको देखा था, मैने अपने आँगन में
जैसे कह रही थी तुम, मुझे बाँध लो बंधन में
यह कैसा रिश्ता है, यह कैसे सपने हैं
बेगाने होकर भी, क्यूँ लगते अपने हैं
मैं सोच में रहता हून, दर दर के कहता हून
पल पल दिल के पास,तुम रहती हो...

तुम सोचोगी क्यूँ इतना, मैं तुमसे प्यार करूँ
तुम समझोगी दीवाना, मैं भी इकरार करूँ
दीवानों की यह बातें, दीवाने जानते हैं
जलने में क्या मज़ा है, परवाने जानते हैं
तुम यूँ ही जलते रहना, आ आ कर ख्वाबों में
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो...
जीवन मीठी प्यास, यह कहती हो...
पल पल दिल के पास.....
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स्वर : किशोर कुमार

BOMBAY 2 GOA


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बॉमबे टू गोवा (१९७२)
निर्देशक : स. रामनाथन
संगीतकार : राहुल देव बर्मन

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Just when the tourist bus to Goa is leaving Bombay Central, Mala - Aroona Irani comes running and boards it. Her entry is greeted with many admiring glances, as it was not often that such a beautiful girl took this bus and that too, alone. Aruna may have been alone on the bus, but those who are vitally interested in her movements have momentarily been left behind. The evil Shatrughan - Shatrughan Sinha and his cronies follow in their car. They are after Mala because she has witnessed them committing a murder. Meanwhile, young Ravi - Amitabh Bachchan has already sensed the danger that is lurking on the road from Bombay to Goa and catches the bus midway.

From hereon, begins the laughride. Goa is 616 kms. from Bombay and when you travel in a bus with Mahmood as the conductor, the journey can only be filled with thrills, chills, belly-laughs, and, for good measure, a delightful romance between Mala and Ravi. So, don't miss this bus. It is ready to take you on the most enjoyable journey of your life.

तेरे बीना जिया जाए ना


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तेरे बीना जिया जाए ना
बिन तेरे, तेरे बिन साजना
साँस में साँस आए ना

जब भी ख़यालों में टू आए
मेरे बदन से खुशबू आए
महके बदन में रहा ना जाए, रहा जाए ना

रेशमी राते रोज ना होगी
ये सौगाते रोज ना होगी
जिंदगी तूज़ बिन रास ना आए, रास आए ना
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स्वर : लता मंगेशकर और किशोरे कुमार

रिमझिम गिरे सावन


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रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मॅन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी यह अगन

रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मॅन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी यह अगन
रिमझिम गिरे सावन

जब घुंघरूण सी बजती हैं बूँदें
अरमान हमारे पलकें ना मूंदें
जब घुंघरूण सी बजती हैं बूँदें
अरमान हमारे पलकें ना मूंदें
कैसे देखें सपने नयन
सुलग सुलग जाए मॅन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी यह अगन
रिमझिम गिरे सावन

महफ़िल में कैसे केहदें किसीसे
दिल बाँध रहा है किस अजनबी से
महफ़िल में कैसे केहदें किसीसे
दिल बाँध रहा है किस अजनबी से
हाए करें अब क्या जतन
सुलग सुलग जाए मॅन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी यह अगन
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मॅन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी यह अगन
रिमझिम गिरे सावन
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चित्रपट : मंज़िल
स्वर : किशोर कुमार

मेरे अपने

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कोइ होता जिस को अपना, हम अपना कह लेते यारो
पास नहीं तो दूर ही होता, लेकीन कोइ मेरा अपना

आखो में नींद ना होती, आंसू हे तैरत रहा
ख्वाबाने में जागते हम रात भर
कोइ तो गम अपनाता, कोइ तो साथी होता

भूला हुआ कोइ वादा, बीती हुयी कुछ यादे
तनहाई दोहराती हैं रातभर

कोइ दिलासा होता, कोइ तो अपना होता
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थक्क गया हूँ सोने दो

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हो बहुत रात हुई..
थक गया हूं, मुझे सोने दो
हो बहुत रात हुई

चांद से कह दो उतर जाये
बहुत बात हुई -२

थक गया हूं....रात हुई

आशियां के लिये चार तिनके भी थे
आसरे रात के और दिन के भी थे
ढूंढते थे जिसे, वो ज़रा सी ज़मीं
आसमां के तले खो गयी है कहीं
धूप से कह दो उतर जाये, बहुत बात हुई

मैं थक....रात हुई

[ओ मलैय्या, चलो धीरे धीरे (पंचम की आवाज़ में)]


याद आता नहीं अब कोई नाम से
सब घरों के दिये बुझ गये शाम से
वक़्त से कह दो गुज़र जाये, बहुत बात हुई

मैं थक....रात हुई

ज़िन्दगी के सभी रास्ते सर्द हैं
अजनबी रात के अजनबी दर्द हैं

याद से कह दो गुज़र जाये, बहुत बात हुई

मैं थक गया हूं, मुझे सोने दो, बहुत रात हुई

[ओ मलैय्या, चलो धीरे धीरे]
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गीत : थक गया हूं, बहुत रात हुई
फ़िल्म : मुसफ़िर (१९८४)
संगीतकार : आर.डी. बर्मन
गीतकार : गुलज़ार
गायक : किशोर कुमार, आर.डी. बर्मन

A Rare Combination !!!

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... sung by one legend and composed by a singer who is other legend !!!

ख़ुशी दो घडी की मिले ना मिले

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खुशी दो घड़ी की, मिले ना मिले
शमा आरज़ू की, जले ना जले
खुशी दो घड़ी की ...

रहेगुज़र में कही मंज़िलें भी मिलें (२)
देख कर एक पल, दम लिया फिर चले
खुशी दो घड़ी की ...

हर कदम पर नये मरहजे थे खड़े (२)
हम चले दिल चला, दिल चला हम चले
खुशी दो घड़ी की ...
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