Showing posts with label song. Show all posts
Showing posts with label song. Show all posts

आप की याद आती रही रातभर

___________________


आप की याद, आती रही रातभर
चश्मा-ये-नाम मुस्कुराती रही रातभर

रातभर दर्द की शम्मा जलती रही
गम की लाउ तारथराती रही रातभर

बासूरी की सुरीली सुहानी सदा
याद बन बन के आती रही रातभर

याद के चाँद दिल में उतरते रहे
चाँदनी ज़गमगाती रही रातभर

कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा
कोई आवाज़ आती रही रातभर
______________

चित्रपट : गमन
निर्देशक : मुज़फर अली
मौसीकार : जयदेव
फनकार : छाया गांगुली

ईर बीर फत्ते


___________



डाकिया डाक लाया

________________


डाकिया डाक लाया डाक लाया
कुशी का पयाँ कहीं दर्दनाक लाया
डाकिया डाक लाया ...

इंदर के भतीजे की साली की सगाई है
ओ आती पूरनामासी को क़रार पाई है
मामा आपको लेने आते मगर मजबूरी है
बच्चों समेत आना आपको ज़रूरी है
दादा तो अरे रे रे रे दादा तो गुज़र गए दादी बीमार है
नाना का भी तेरहवाँ आते सोमवार है
छ्होटे को प्यार देना बड़ों को नमस्कार
मेरी मजबूरी समझो कारद को तार
शादी का संदेसा तेरा है सोमनाथ लाया
डाकिया डाक लाया ...

आई डाकिया बाबू
क्या है री
छ्च महीना होई गावा काट नही लिखिन
काट नही लिखिन
बोल क्या लिखूं
बस जल्दी से आने का लिख दे
बिरहा में कैसे-कैसे काटीं रतियाँ
सावन सुनाए बैरी भीगीइ-भििगी बतियां
अग्नि की जलन में जले बावारिया
ओ नौकरिया छ्चोड़ के तू आ जाना साँवरिया
आजा रे साँवरिया आजा बैसाख आया
डाकिया डाक लाया ...
_______________

चित्रपट : पलकों की छाव मैं
स्वर : किशोर कुमार और वंदना शास्त्री

नीला आसमाँ सो गया


__________


नीला आसमाँ सो गया
ला रा ला रा ला, ला ला ला ला
ला रा ला रा ला, ला ला रा ला हो
नीला आसमाँ सो गया

ओ हो, ऑन्स बरसे रात भीगे होंठ तरराए
धड़कने कुच्छ कहना चाहे कह नहीं पाए
हवा का गीत मध्यम है
समय की चाल भी कम है
नीला आसमाँ सो गया

ओ, मेरी बाहों में शरमाते लाजाते ऐसे तुम आए
की जैसे बादलों में चाँद धीरे धीरे आ जाए
यह तन्हाई यह मैं और तुम
ज़मीन भी हो गयी गुमसूँ
नीला आसमाँ सो गया
ला रा ला रा ला, ला ला रा ला
ला रा ला रा ला, ला ला रा ला हो
नीला आसमाँ सो गया
________________

स्वर : अमिताभ बच्चन

यह कहाँ आ गये हम


____________


मैं और मेरी तन्हाई अक्सर यह बातें करते हैं
तुम होती तो कैसा होता, तुम यह कहती, तुम वो कहती
तुम इस बात पे हैरान होती, तुम उस बात पे कितनी हँसती
तुम होती तो ऐसा होता, तुम होती तो वैसा होता
मैं और मेरी तन्हाई अक्सर यह बातें करते हैं

यह कहाँ आ गये हम
यूँही साथ साथ चलते
तेरी बाहों में है जानम
मेरे जिस्म-ओ-जान पिघलते
यह कहाँ आ गये हम
यूँही साथ साथ चलते

यह रात है, यह तुम्हारी ज़ूलफें खुली हुई है
है चाँदनी या तुम्हारी नज़रें से मेरी रातें धूलि हुई है
यह चाँद है या तुम्हारा कंगन
सितारें है या तुम्हारा आँचल
हवा का झोंका है या तुम्हारे बदन की खुश्बू
यह पट्टियों की है सरसराहट के तुमने चुपके से कुछ कहा है
यह सोचता हून मैं कब से गुमसूँ
के जब की मुझको भी यह खबर है
के तुम नहीं हो, कहीं नहीं हो
मगर यह दिल है के कह रहा है
के तुम यहीं हो, यहीं कहीं हो

ओ, तू बदन है मैं हून छ्चाया
तू ना हो तो मैं कहाँ हून
मुझे प्यार करने वाले
तू जहाँ है मैं वहाँ हून
हमें मिलना ही था हमदम
इसी राह पे निकलते
यह कहाँ आ गये हम
यूँही साथ साथ चलते
एमेम, मेरी साँस साँस माहेके
कोई भीना भीना चंदन
तेरा प्यार चाँदनी है
मेरा दिल है जैसे आँगन
कोई और भी मुलायम
मेरी शाम ढलते ढलते
यह कहाँ आ गये हम
यूँही साथ साथ चलते

मजबूर यह हालात, इधर भी है उधर भी
तन्हाई की एक रात, इधर भी है उधर भी
कहने को बहुत कुछ है, मगर किससे कहे हम
कब तक यूँही खामोश रहे और सहे हम
दिल कहता है दुनिया की हर एक रस्म उठा दे
दीवार जो हम दोनो में है, आज गिरा दे
क्यूँ दिल में सुलगते रहे, लोगों को बता दे
हन हुमको मोहब्बत है, मोहब्बत है, मोहब्बत
अब दिल में यही बात, इधर भी है उधर भी

यह कहाँ आ गये हम
यूँही साथ साथ चलते
यह कहाँ आ गये हम
_________________

स्वर : अमिताभ बच्चन और लता मंगेशकर