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A+S ,
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Childhood Memories
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9/11/2010 05:41:00 PM
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लहानपण देगा देवा । मुंगी साखरेचा रवा ॥१॥
ऐरावत रत्न थोर । त्यासी अंकुशाचा मार ॥२॥
जया अंगी मोठेपण । तया यातना कठीण ॥३॥
तुका म्हणे बरवे जाण । व्हावे लहानाहून लहान ॥४॥
महापूरे झाडे जाती । तेथे लव्हाळ वाचती ॥५॥
ऐरावत रत्न थोर । त्यासी अंकुशाचा मार ॥२॥
जया अंगी मोठेपण । तया यातना कठीण ॥३॥
तुका म्हणे बरवे जाण । व्हावे लहानाहून लहान ॥४॥
महापूरे झाडे जाती । तेथे लव्हाळ वाचती ॥५॥
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हो बहुत रात हुई..
थक गया हूं, मुझे सोने दो
हो बहुत रात हुई
चांद से कह दो उतर जाये
बहुत बात हुई -२
थक गया हूं....रात हुई
आशियां के लिये चार तिनके भी थे
आसरे रात के और दिन के भी थे
ढूंढते थे जिसे, वो ज़रा सी ज़मीं
आसमां के तले खो गयी है कहीं
धूप से कह दो उतर जाये, बहुत बात हुई
मैं थक....रात हुई
[ओ मलैय्या, चलो धीरे धीरे (पंचम की आवाज़ में)]
याद आता नहीं अब कोई नाम से
सब घरों के दिये बुझ गये शाम से
वक़्त से कह दो गुज़र जाये, बहुत बात हुई
मैं थक....रात हुई
ज़िन्दगी के सभी रास्ते सर्द हैं
अजनबी रात के अजनबी दर्द हैं
याद से कह दो गुज़र जाये, बहुत बात हुई
मैं थक गया हूं, मुझे सोने दो, बहुत रात हुई
[ओ मलैय्या, चलो धीरे धीरे]
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गीत : थक गया हूं, बहुत रात हुई
फ़िल्म : मुसफ़िर (१९८४)
संगीतकार : आर.डी. बर्मन
गीतकार : गुलज़ार
गायक : किशोर कुमार, आर.डी. बर्मन
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A+S ,
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A Rare Combination
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Kishore Kumar
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Lata Mangeshkar
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9/11/2010 04:52:00 PM
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