Showing posts with label Chashme Baddoor. Show all posts
Showing posts with label Chashme Baddoor. Show all posts

कहाँ से आएँ बदरा


______________


कहाँ से आए बदरा
घुलता जाए कजरा
कहाँ से आए बदरा
घुलता जाए कजरा

पलकों के सतरंगी दीपक
बन बैठे आँसू की झालर
मोटी का अनमोलक हीरा
मिट्टी मे जेया फिसला
कहाँ से आए बदरा

नींद पिया के संग सिधारी
सपनों की सुखी फुलवारी
अमृत होठों तक आते ही
जैसे विष में बदला
कहाँ से आए बदरा

उतरे मेघ या फिर छ्चाए
निर्दे झोंके अगाना बढ़ाए
बरसे हैं अब तोसे सावन
रोए मान है पागला
कहाँ से आए कहाँ से आए बद्रा
घुलता जाए कजरा
कहाँ से आए बदरा
घुलता जाए कजरा

पलकों के सतरंगी दीपक
बन बैठे आँसू की झालर
मोटी का अनमोलक हीरा
मिट्टी मे जेया फिसला
कहाँ से आए बदरा

नींद पिया के संग सिधारी
सपनों की सुखी फुलवारी
अमृत होठों तक आते ही
जैसे विष में बदला
कहाँ से आए बदरा

उतरे मेघ या फिर छ्चाए
निर्दे झोंके अगाना बढ़ाए
बरसे हैं अब तोसे सावन
रोए मान है पागला
कहाँ से आए बदरा

______________


स्वर : येसुदास और हेमलता

काली घोड़ी द्वार खड़ी

 
__________________


सा नि रे सा
सा रे गा मा पा ढा नि सा
सा नि ढा पा मा गा रे सा
सा नि रे सा

काली घोड़ी द्वार खड़ी...खड़ी रे
मूँग से मोरी माँग भारी
बरजोरी सैय्या ले जावे
तक़ित भाई तगारी नागरी....टाटा ढा.

काली घोड़ी द्वार खड़ी...खड़ी रे

भीड़ के बीच अकेले मितवा
जंगल बीच महेक गये फुलावा
कौन ए तगवा बैयया धरी
तक़ित भाई तगारी नागरी....टाटा ढा.


बाबा के द्वारे भेजे हर करे
अम्मा को मीठी बतियां समज़हरे
इतवान से मोक हरी
तक़ित भाई तगारी नागरी....टाटा ढा.

सा गा मा ढा नि
सा ढा नि मा ढा मा गा सा
सा गा मा ढा नि सा
सा नि ढा मा गा सा
नि सा गा मा ढा नि
नि ढा मा गा सा नि
सा रे सा गा मा सा
मा ढा नि सा गा मा
मा ढा नि सा रे सा
मा ढा नि सा रे सा

काली घोड़ी पे गोरा सैय्या चमके
सैय्या चमके
चमक चमक चमके
काली घोड़ी पे गोरा सैय्या चमके
कजरारे मेखा में बीजूरी दमके
सुध बुध बिसर गयी हमारी
बरजोरी सैय्या ले जावे
तक़ित भाई तगारी नागरी....टाटा ढा.

काली घोड़ी दौड़ पड़ी

लाज चुनरिया उड़ उड़ जावे
अंगा अंगा की रंग रचाए
उनके कंधे लत बिखरी

काली घोड़ी दौड़ पड़ी

_______________