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बिन बारिष बरसात ना होगी
रात गयी तो रात ना होगी
राज़-इ-मोहब्बत तुम मत पूछो
मुझसे तो ये बात ना होगी
किस से दिल बहलाओगे तुम
जिस दम मेरी ज़ात ना होगी
अश्क भी अब ना पैद हुए हैं
शायम अब बरसात ना होगी
यूं देखेंगे आरिफ उसको
बीच में अपनी ज़ात ना होगी
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शायर : खालिद महमूद आरिफ़
मौसीकार/फनकार : गुलाम अली
रात गयी तो रात ना होगी
राज़-इ-मोहब्बत तुम मत पूछो
मुझसे तो ये बात ना होगी
किस से दिल बहलाओगे तुम
जिस दम मेरी ज़ात ना होगी
अश्क भी अब ना पैद हुए हैं
शायम अब बरसात ना होगी
यूं देखेंगे आरिफ उसको
बीच में अपनी ज़ात ना होगी
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शायर : खालिद महमूद आरिफ़
मौसीकार/फनकार : गुलाम अली
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