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किसी नज़र को तेरा, ऐतबार आज भी हैं
कहा हो तुम के ये दिल बेकरार आज भी हैं
वो वादिया, वो फिजायँ के हम मिले थे जहाँ
मेरी वफ़ा कॅया वही पर मज़ार आज भी हैं
न जाने देख के क्यू उन को ये हुआ एहसास
के मेरे दिल पे उन्हे इकतियार आज भी हैं
वो प्यार जिस के लिए ह्युमेन छ्चोड़ डी दुनियाँ
वफ़ा की राह में घायल वो प्यार आज भी हैं
यकीन नहीं हैं मगर आज भी ये लगता हैं
मेरी तलाश में शायद बहार आज भी हैं
कहा हो तुम के ये दिल बेकरार आज भी हैं
वो वादिया, वो फिजायँ के हम मिले थे जहाँ
मेरी वफ़ा कॅया वही पर मज़ार आज भी हैं
न जाने देख के क्यू उन को ये हुआ एहसास
के मेरे दिल पे उन्हे इकतियार आज भी हैं
वो प्यार जिस के लिए ह्युमेन छ्चोड़ डी दुनियाँ
वफ़ा की राह में घायल वो प्यार आज भी हैं
यकीन नहीं हैं मगर आज भी ये लगता हैं
मेरी तलाश में शायद बहार आज भी हैं
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स्वर : भूपेंदर सिंघ और आशा भोसले
Posted by
A+S ,
Labels:
Kishore Kumar
,
6/09/2010 03:15:00 PM
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खुशी दो घड़ी की, मिले ना मिले
शमा आरज़ू की, जले ना जले
खुशी दो घड़ी की ...
रहेगुज़र में कही मंज़िलें भी मिलें (२)
देख कर एक पल, दम लिया फिर चले
खुशी दो घड़ी की ...
हर कदम पर नये मरहजे थे खड़े (२)
हम चले दिल चला, दिल चला हम चले
खुशी दो घड़ी की ...
शमा आरज़ू की, जले ना जले
खुशी दो घड़ी की ...
रहेगुज़र में कही मंज़िलें भी मिलें (२)
देख कर एक पल, दम लिया फिर चले
खुशी दो घड़ी की ...
हर कदम पर नये मरहजे थे खड़े (२)
हम चले दिल चला, दिल चला हम चले
खुशी दो घड़ी की ...
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स्वर : किशोर कुमार
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