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तुम जुड़ा होकर हमें कुच्छ और प्यारे हो गये - (२)
पास रहकर गैर थे, एब्ब तो हमारे हो गये
लौट जाने को कहाँ हमने मगर कुच्छ इश्स तरह - (२)
जिंदगी से मौत तक इकरार सारे हो गये - (२)
तुम जुड़ा होकर हमें कुच्छ और प्यारे हो गये
वेस्ल की एब्ब चाँदनी छ्चाए ना छ्चाए घूम नही - (२)
हिजर की रातों में रोशन छ्चांद तारे हो गये
तुम जुड़ा होकर हमें कुच्छ और प्यारे हो गये
प्यार के तूफान में हर मौज साहिल बन गयी - (२)
जिस तरफ देखा किनारें ही किनारें हो गये
तुम जुड़ा होकर हमें कुच्छ और प्यारे हो गये
पास रहकर गैर थे, अब तो हमारे हो गये
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पास रहकर गैर थे, एब्ब तो हमारे हो गये
लौट जाने को कहाँ हमने मगर कुच्छ इश्स तरह - (२)
जिंदगी से मौत तक इकरार सारे हो गये - (२)
तुम जुड़ा होकर हमें कुच्छ और प्यारे हो गये
वेस्ल की एब्ब चाँदनी छ्चाए ना छ्चाए घूम नही - (२)
हिजर की रातों में रोशन छ्चांद तारे हो गये
तुम जुड़ा होकर हमें कुच्छ और प्यारे हो गये
प्यार के तूफान में हर मौज साहिल बन गयी - (२)
जिस तरफ देखा किनारें ही किनारें हो गये
तुम जुड़ा होकर हमें कुच्छ और प्यारे हो गये
पास रहकर गैर थे, अब तो हमारे हो गये
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"तेरे बगैर"
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