____________
मैने तुम से कूछ नहीं मांगा...
आज दे दो आज दे दो
सौ बरस से जगह इन नैनो को
नींद का वरदान दे दो.. दे दो
मैने तुम से कूछ नहीं मांगा..
घेरती खुशबुये फिर वही आहटे
बार बार चौकना फिर वही करवते
वोही बाहो के घेरो मे बंधना
वोही नजरोन के साये मे तपना
कब तलक डोर खिचेगी मुझ को
छोड दो मेरा अभिमान दे दो
मैने तुम से कुच्छ नही मांगा
इन अन्धरो से झुजुंगा कैसे
इस तऱ्हा रोशनी इतनी मैन झेलू
यादो को भीड टकरा रही युन
हात बांधे हुवे चूर हो दून
झटपटाते हृदय को दया कर
सांस ले निकाम अधिकार दे दो
मैने तुम से कुच्छ नाहीं मांगा
आज दे दो ..आज दे दो
सौ बरस से जगह इन नैनो को
नींद का वरदान दे दो.. दे दो
मैने तुम से कूछ नहीं मांगा..
______________
28 Comments