Showing posts with label ज़िंदगी ज़िंदगी मेरे घर आना. Show all posts
Showing posts with label ज़िंदगी ज़िंदगी मेरे घर आना. Show all posts

ज़िंदगी ज़िंदगी मेरे घर आना


________________


ज़िंदगी ज़िंदगी मेरे घर आना आना ज़िंदगी
ज़िंदगी मेरे घर आना आना ज़िंदगी
ज़िंदगी ओ ज़िंदगी मेरे घर आना आना
मेरे घर आना
ज़िंदगी ज़िंदगी मेरे घर आना आना ज़िंदगी

मेरे घर का सीधा सा इतना पता है
ये घर जो है चारों तरफ से खुला है
ना दस्तक ज़रूरी, ना आवाज़ देना
मेरे घर का दरवाज़ा कोई नहीं है
हैं दीवारें गुम और च्चत भी नहीं है
बढ़ी धूप है दोस्त
कढ़ी धूप है दोस्त
तेरे आँचल का साया चुराके जीना है जीना
जीना ज़िंदगी, ज़िंदगी
ओ ज़िंदगी मेरे घर आना
आना ज़िंदगी ज़िंदगी मेरे घर आना

मेरे घर का सीधा सा इतना पता है
मेरे घर के आयेज मोहब्बत लिखा है
ना दस्तक ज़रूरी, ना आवाज़ देना
माएईन साँसों की रफ़्तार से जान लूँगी
हवाओं की खुश्बू से पहचान लूँगी
तेरा फूल हून दोस्त
तेरी भूल हून दोस्त
तेरे हाथों में चेहरा च्छूपा के जीना है जीना
जीना ज़िंदगी, ज़िंदगी
ओ ज़िंदगी मेरे घर आना
आना ज़िंदगी ज़िंदगी मेरे घर आना
_______________