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हो, चेहरा है या चाँद खिला है
ज़ुलफ घानेरी शाम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या
तू क्या जाने तेरी खातिर
कितना है बेताब ये दिल
तू क्या जाने देख रहा है
कैसे कैसे ख्वाब ये दिल
दिल कहता है तू है यहाँ तो
जाता लम्हा थम जाए
वक़्त का दरिया बहते बहते
इस मंज़र में जाम जाए
तूने दीवाना दिल को बनाया
इस दिल पर इल्ज़ाम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या...
हो, आज माएईन तुझसे डोर सही
और तू मुझसे अंजान सही
तेरा साथ नहीं पऔन तो
खैर तेरा अरमान सही
ये अरमान हैं शोर नहीं हो
खामोशी के मेले हों
इस दुनिया में कोई नहीं हो
हम दोनो ही अकेले हों
तेरे सपने देख रहा हून
और मेरा अब काम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या...
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स्वर : किशोर कुमार
ज़ुलफ घानेरी शाम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या
तू क्या जाने तेरी खातिर
कितना है बेताब ये दिल
तू क्या जाने देख रहा है
कैसे कैसे ख्वाब ये दिल
दिल कहता है तू है यहाँ तो
जाता लम्हा थम जाए
वक़्त का दरिया बहते बहते
इस मंज़र में जाम जाए
तूने दीवाना दिल को बनाया
इस दिल पर इल्ज़ाम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या...
हो, आज माएईन तुझसे डोर सही
और तू मुझसे अंजान सही
तेरा साथ नहीं पऔन तो
खैर तेरा अरमान सही
ये अरमान हैं शोर नहीं हो
खामोशी के मेले हों
इस दुनिया में कोई नहीं हो
हम दोनो ही अकेले हों
तेरे सपने देख रहा हून
और मेरा अब काम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या...
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स्वर : किशोर कुमार
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