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आप की याद आती रही रातभर

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आप की याद, आती रही रातभर
चश्मा-ये-नाम मुस्कुराती रही रातभर

रातभर दर्द की शम्मा जलती रही
गम की लाउ तारथराती रही रातभर

बासूरी की सुरीली सुहानी सदा
याद बन बन के आती रही रातभर

याद के चाँद दिल में उतरते रहे
चाँदनी ज़गमगाती रही रातभर

कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा
कोई आवाज़ आती रही रातभर
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चित्रपट : गमन
निर्देशक : मुज़फर अली
मौसीकार : जयदेव
फनकार : छाया गांगुली