१
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जगजीत सिंग
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२
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ग़ुलाम अली
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३
थोदासा हट के...
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हमीद आली खान
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कल चौदवी की रात थी
शब भर रहा चर्चा तेरा
कुछ ने कहा यह चाँद है
कुछ ने कहा चेहरा तेरा
हम भी वहीं मौजूद थे
उन्से भी सब पूच्छा किए
हम भी वहीं मौजूद थे
हुंसे भी सब पूच्छा किए
हम हस दिए, हम चुप रहे
मंज़ूर था परदा तेरा
कल चौदवी की रात थी
इस शहेर में किससे मिले
उनसे तो छूती महफिलें
इस शहेर में किससे मिले
उनसे तो छूती महफिलें
हर शक्स तेरा नाम ले
हर शक्स दीवाना तेरा
कल चौदवी की रात थी
शब भर रहा चर्चा तेरा
कल चौदवी की रात थी
कूंचे को तेरे छ्चोड़कर
जोगी ही बन जाए मगर
कूंचे को तेरे छ्चोड़कर
जोगी ही बन जाए मगर
जंगल तेरे, परबत तेरे
बस्ती तेरी, सहेरा तेरा
कल चौदवी की रात थी
बेदर्द सुन्नी हो तो चल
कहता है क्या अच्छि गाज़ल
बेदर्द सुन्नी हो तो चल
कहता है क्या अच्छि गाज़ल
आशिक़ तेरा, रुसवाँ तेरा
शायर तेरा, इंशा तेरा
कल चौदवी की रात थी
शब भर रहा चर्चा तेरा
कल चौदवी की रात थी
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जगजीत सिंग
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२
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ग़ुलाम अली
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३
थोदासा हट के...
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हमीद आली खान
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कल चौदवी की रात थी
शब भर रहा चर्चा तेरा
कुछ ने कहा यह चाँद है
कुछ ने कहा चेहरा तेरा
हम भी वहीं मौजूद थे
उन्से भी सब पूच्छा किए
हम भी वहीं मौजूद थे
हुंसे भी सब पूच्छा किए
हम हस दिए, हम चुप रहे
मंज़ूर था परदा तेरा
कल चौदवी की रात थी
इस शहेर में किससे मिले
उनसे तो छूती महफिलें
इस शहेर में किससे मिले
उनसे तो छूती महफिलें
हर शक्स तेरा नाम ले
हर शक्स दीवाना तेरा
कल चौदवी की रात थी
शब भर रहा चर्चा तेरा
कल चौदवी की रात थी
कूंचे को तेरे छ्चोड़कर
जोगी ही बन जाए मगर
कूंचे को तेरे छ्चोड़कर
जोगी ही बन जाए मगर
जंगल तेरे, परबत तेरे
बस्ती तेरी, सहेरा तेरा
कल चौदवी की रात थी
बेदर्द सुन्नी हो तो चल
कहता है क्या अच्छि गाज़ल
बेदर्द सुन्नी हो तो चल
कहता है क्या अच्छि गाज़ल
आशिक़ तेरा, रुसवाँ तेरा
शायर तेरा, इंशा तेरा
कल चौदवी की रात थी
शब भर रहा चर्चा तेरा
कल चौदवी की रात थी
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