_____________
सांझ ढले गगन तले
हम कितने एकाकी
सांझ ढले गगन तले
हम कितने एकाकी
छ्होड चले नैनो को
किरणों के पाख़ी
पाठ की जाली से झाँक रही तीन कलियाँ - २
गंध भारी गुनगुण में मगन हुई तीन कलियाँ
इतने में तिमिर डासा सपने ले नयनो में
कलियों के आँसुओं का कोई नहीं साथी
छ्चोड़ चले नयनो को
किरणों के पाख़ी
सांझ ढले गगन तले
जुगनूउ का पाट ओढे आएगी रात अभी - २
निशिगंधा के सुर में कह देगी बात सभी
कपटा है मान जैसे डाली अंबावा की
छ्होड चले नयनो को
किरणों के पाख़ी
सांझ ढले गगन तले
________________
चित्रपाट : उत्सव
शायर : वसंत देव
संगीतकार : लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
स्वर : सुरेश वाडकर
हम कितने एकाकी
सांझ ढले गगन तले
हम कितने एकाकी
छ्होड चले नैनो को
किरणों के पाख़ी
पाठ की जाली से झाँक रही तीन कलियाँ - २
गंध भारी गुनगुण में मगन हुई तीन कलियाँ
इतने में तिमिर डासा सपने ले नयनो में
कलियों के आँसुओं का कोई नहीं साथी
छ्चोड़ चले नयनो को
किरणों के पाख़ी
सांझ ढले गगन तले
जुगनूउ का पाट ओढे आएगी रात अभी - २
निशिगंधा के सुर में कह देगी बात सभी
कपटा है मान जैसे डाली अंबावा की
छ्होड चले नयनो को
किरणों के पाख़ी
सांझ ढले गगन तले
________________
चित्रपाट : उत्सव
शायर : वसंत देव
संगीतकार : लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
स्वर : सुरेश वाडकर
March 26, 2012 at 11:24:00 AM GMT+5:30
हम भी बहुत एकाकी है यहाँ ...
March 26, 2012 at 11:25:00 AM GMT+5:30
hmmmm i know y
March 26, 2012 at 11:25:00 AM GMT+5:30
oye..ABHI......abhi bhi AKELE.....ye baat kuch hajam nahi hui yaar........
April 4, 2012 at 1:06:00 PM GMT+5:30
hahahaha........arre Sandy mai I AM ON MY OFFICE TOUR.....FOR ONE WEEK.... :-))) AKELE HAM AKELE WOH ;-((
April 4, 2012 at 1:07:00 PM GMT+5:30
Ha ha..I was going to ask the same thing as Sandhya did..Abhi Bhi Akele? Love this Song....Thanks for sharing...God Bless the Two of U.....
April 4, 2012 at 1:07:00 PM GMT+5:30
अप्रतिम व अर्थ पूर्ण गाणे आहे! शुभसंध्या! एक-मेकांचा असा सहवास असावा, की जवळ असो ,अथवा दूर तरी एकाकीपणा न भासावा! ;))
April 4, 2012 at 1:08:00 PM GMT+5:30
Thanks a lot my dear friends and Abhi Sweetu