_____________________
माँ सूनाओ मुझे वो कहानी
जिसमे राजा ना हो ना हो रानी
जो हमारी तुम्हारी कथा हो
जो सभी के हृदय की व्यथा हो
गंध जिसमे हो अपनी धरा की
बात जिसमे ना हो अप्सरा की
हो ना पारियाँ जहाँ आसमानी
वो कहानी को हसना सीखा दे
पेट की भूख को जो भुला दे
जिसमे सच की भरी चाँदनी हो
जिसमे उम्मीद की रोशनी हो
जिसमे ना हो कहानी पुरानी
______________
शायर: नंदलाल पाठक
फ़नकार: सीज़ा रॉय
जिसमे राजा ना हो ना हो रानी
जो हमारी तुम्हारी कथा हो
जो सभी के हृदय की व्यथा हो
गंध जिसमे हो अपनी धरा की
बात जिसमे ना हो अप्सरा की
हो ना पारियाँ जहाँ आसमानी
वो कहानी को हसना सीखा दे
पेट की भूख को जो भुला दे
जिसमे सच की भरी चाँदनी हो
जिसमे उम्मीद की रोशनी हो
जिसमे ना हो कहानी पुरानी
______________
शायर: नंदलाल पाठक
फ़नकार: सीज़ा रॉय
2 Comments