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सुभी:
मेरे दिल में तू ही तू है, दिल
की दवा क्या करूँ
अभी:
अभी:
दिल भी तू है जाँ भी तू है, तुझपे
फ़िदा क्या करूँ
अभी-सुभी:
अभी-सुभी:
मेरे दिल में तू ही तू है, दिल
की दवा क्या करूँ
सुभी:
सुभी:
खुद को खो के तुझको पाकर क्या\-क्या
मिल क्या कहूँ
तेरी होके जीने
में क्या आय मज़ा क्या कहूँ
अभी:
अभी:
कैसे
दिन हैं कैसी रातें कैसी फ़िज़ा क्या कहूँ
मेरी होके तूने मुझको क्या क्या दिया क्या कहूँ
सुभी:
मेरी होके तूने मुझको क्या क्या दिया क्या कहूँ
सुभी:
मेरे
पहलू में जब तू है फिर मैं दुआ क्या करूँ
अभी:
अभी:
दिल
भी तू है जाँ भी तू है तुझपे फ़िदा क्या करूँ
अभी-सुभी:
अभी-सुभी:
मेरे दिल में तू ही तू है, दिल
की दवा क्या करूँ
अभी:
अभी:
है
ये दुनिया दिल की दुनिया मिलके रहेंगे यहाँ
लूटेंगे हम खुशियाँ हर पल दुःख न सहेंगे यहाँ
सुभी:
लूटेंगे हम खुशियाँ हर पल दुःख न सहेंगे यहाँ
सुभी:
अरमानो
के चंचल धारे ऐसे बहेंगे यहाँ
ये तो सपनो की जन्नत है, सब ही कहेंगे यहाँ
ये दुनिया मेरे दिल में बसी है, दिल से जुदा क्या करूँ
अभी:
ये तो सपनो की जन्नत है, सब ही कहेंगे यहाँ
ये दुनिया मेरे दिल में बसी है, दिल से जुदा क्या करूँ
अभी:
मेरे दिल में तू ही तू है, दिल
की दवा क्या करूँ
August 7, 2013 at 10:50:00 PM GMT+5:30
i love the way of expressions DEAR DABBU